नक्सलियों के गढ़ गुमला के बनालात में 20 किसान कर रहे मधुमक्खी पालन
साथ ही केंद्र द्वारा लगातार विभिन्न तिलहनी फसलों सरसों जटंगी आदि की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. मधुमक्खी पालन के कारण इस क्षेत्र में तिलहनी फसलों में 15 से 20 प्रतिशत तक उत्पादकता में बढ़ोतरी पायी जा रही है.
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के घोर नक्सल प्रभावित बनालात इलाके में 20 किसान मधुमक्खी का पालन कर रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला विकास भारती बिशुनपुर द्वारा संचालित परियोजना डीबीटी किसान नेटवर्क परियोजना के तहत 20 किसानों द्वारा मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. डॉ संजय कुमार ने बताया कि बनालात गांव के चारों तरफ जंगल होने के कारण यह क्षेत्र मधुमक्खी पालन के लिये काफी उपयुक्त है.
साथ ही केंद्र द्वारा लगातार विभिन्न तिलहनी फसलों सरसों जटंगी आदि की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. मधुमक्खी पालन के कारण इस क्षेत्र में तिलहनी फसलों में 15 से 20 प्रतिशत तक उत्पादकता में बढ़ोतरी पायी जा रही है. इसके साथ ही कुछ दलहनी फसलों में भी मधुमक्खी के लिये पराग एवं रस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. जिससे मधु उत्पादन के साथ-साथ फसल उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है, जो कि इस क्षेत्र के किसानों के लिये वरदान साबित हो रहा है.
डॉ कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष प्रत्येक मधुमक्खी परिवार से 40 से लेकर 60 किलोग्राम तक मधु प्राप्त होता है. जिससे आने वाले दिनों में बनालात क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी होगी साथ ही साथ किसानों का पलायन भी रुकेगा. गुमला जिले में 300 मधुमक्खी पालक मधु पालन का कार्य कर रहे हैं. मधुमक्खी पालन के कार्य में मालकन उरांव, अवध सिंह, अश्विन लकड़ा, प्रेम पति देवी, सुमित्रा देवी किस्मत देवी समेत अन्य किसान शामिल हैं.