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Jharkhand News : CM हेमंत सोरेन बोले- राज्य के पास सीमित संसाधन, चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र करे सहयोग

झारखंड दौरे पर आये नीति आयोग के 7 सदस्यीय टीम ने सीएम हेमंत सोरेन के साथ विचार-विमर्श किया. इस दौरान केंद्र-राज्य के बीच बेहतर तालमेल से विकास की गति को तेज करने पर जोर दिया गया है. वहीं, सीएम श्री सोरेन ने कई मुद्दों पर केंद्र से सहयोग की अपील भी की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2021 8:12 PM

Jharkhand News (रांची) : केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से नीति आयोग के सदस्यों ने सीएम हेमंत सोरेन के साथ चर्चा की. श्री सोरेन की अध्यक्षता में राज्य के विकास से संबंधित विषयों पर नीति आयोग की टीम के साथ उच्च स्तरीय बैठक में विस्तार से चर्चा हुई. वहीं, इससे जुड़ी योजनाओं और नीतियों के निर्माण और निर्धारण में नीति आयोग की अहम भूमिका है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े केंद्र सरकार के वरीय पदाधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों से जुड़े मसलों पर सकारात्मक विचार विमर्श हुआ.

केंद्र करे सहयोग

इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के पास सीमित संसाधन है, लेकिन चुनौतियां भी कई हैं. ऐसे में राज्य सरकार की जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार को सहयोग करने की जरूरत है, ताकि इन चुनौतियों से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य की समस्याओं को समझते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्य योजना बनायी जाये, ताकि विकास को गति और नयी दिशा मिल सके.

खनिज आधारित प्रोजेक्ट स्थापित होने से मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि भले ही राज्य में विभिन्न प्रकार के खनिज की बहुतायत है, लेकिन यहां का खनिज दूसरे राज्यों और विदेशों में भेजे जाते हैं. वहां उसकी प्रोसेसिंग की जाती है. अगर खनिज आधारित प्रोजेक्ट को यहीं स्थापित किया जाये, तो इससे राज्य के विकास के साथ- साथ यहां के लोगों का भी सर्वांगीण विकास संभव होगा. इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से प्रयास शुरू कर दिये गये हैं.

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खनन क्षेत्रों का सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक सर्वेक्षण हो

CM श्री सोरेन ने कहा कि राज्य के खनन क्षेत्रों में कई तरह की समस्याएं है. खनन के कारण इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, वहीं लोग भी तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में इन इलाकों पर विशेष फोकस करते हुए खनन क्षेत्रों का सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक सर्वे समय-समय पर किया जाना चाहिए. इससे यहां रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव का पता चलेगा.

अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए बने अलग से पॉलिसी

उन्होंने कहा कि झारखंड अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बाहुल्य राज्य है, लेकिन वे काफी पिछड़े हुए हैं. अनुसूचित जाति और जनजातियों को आगे बढ़ने का मौका मिले. इसके लिए उन्हें केंद्र से भी पूरा सपोर्ट दिया जाना चाहिए. कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जातियों के लिए अलग से पॉलिसी बनायी जाये, ताकि उनके विकास से जुड़ी कार्ययोजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो सके.

जल संचयन को बढ़ावा मिले

जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा. वाटर रिजर्वायर को लेकर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर ठोस पहल करनी होगी, ताकि जल संचयन को बढ़ावा मिल सके. मुख्यमंत्री ने पलामू पाइपलाइन इरिगेशन प्रोग्राम को लेकर भी अपने सुझाव दिये. वहीं, राज्य में NHAI द्वारा बनाये जा रहे राष्ट्रीय राजमार्गों में गुणवत्ता की कमी होने पर नाराजगी जतायी और कहा कि सड़कों के बनाने में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाये. साथ ही कहा कि मनरेगा मजदूरी दर में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए.

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नीति आयोग ने कोरोना काल में राज्य सरकार के किये गये कार्यों की तारीफ की

इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच बेहतर संबंध और समन्वय बनाने की दिशा में नीति आयोग एक कड़ी का काम कर रहा है. झारखंड सरकार के साथ आज की बैठक काफी अहम रही. इसमें विकास से संबंधित मसलों पर विचार विमर्श हुआ. इससे केंद्र और राज्य के बीच अगर कोई गतिरोध है, तो उसके समाधान में सहूलियत होगी.

उन्होंने कहा कि नीति आयोग जो भी पॉलिसी बनाती है, उसमें मंत्रालय के साथ विस्तार से विचार-विमर्श होता है. वहीं, सरकार की नीतियों और योजनाओं की मॉनिटरिंग तथा वैल्यूएशन के लिए भी कई इंस्टिट्यूट है. ।नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्यों को मजबूत बनाने के साथ नया भारत बनाना है. इसी कड़ी में झारखंड सरकार के साथ यह उच्च स्तरीय बैठक हुई. उन्होंने कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा किये गये कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ भी की.

22 विभागों के प्रस्ताव और समस्या पर हुई चर्चा

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार के 22 विभागों ने अपने प्रस्ताव और इश्यूज से अवगत कराया था. इन सभी पर केंद्र सरकार का भी रिस्पांस मिला है. बुधवार की बैठक में मुख्य रूप से कोयला, ऊर्जा, रेलवे राजस्व, जल संसाधन, खनिज, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, सिविल एविएशन गृह, जनजातीय मामले, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विषयों पर विशेष रूप से चर्चा हुई.

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इस बैठक में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल, राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे के अलावा नीति आयोग के सीनियर एडवाइजर नीरज सिन्हा, मिशन डायरेक्टर राकेश रंजन, ज्वाइंट सेक्रेटरी डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिसर शैलेंद्र कुमार द्विवेदी, डिप्टी एडवाइजर डॉ त्यागराजू बीएम, प्रोफेशनल सिद्धे जी शिंदे, सीनियर एसोसिएट नमन अग्रवाल और विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव उपस्थित थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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