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एंबुलेंस नहीं मिलने पर गुमला में स्कूटी से बेटे के शव को लेकर सदर हॉस्पिटल पहुंचे पिता, जानें कैसे हुई बच्चे की मौत

Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : गुमला सदर थाना के उर्मी डाड़टोली निवासी मनप्यार साहू के तीन वर्षीय पुत्र मोजेश साहू की इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद मौत हो गयी. घटना मंगलवार देर शाम की है. बच्चे को बुखार था. सोसो मोड़ स्थित एक प्राइवेट क्लिनिक में बच्चे का इलाज हुआ. प्राइवेट क्लिनिक के डॉक्टर ने बुखार खत्म करने के लिए इंजेक्शन दिया. इसके कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गयी. इस बीच एंबुलेंस नहीं मिलने पर बच्चे के पिता बेटे के शव को स्कूटी से लेकर सदर हॉस्पिटल पहुंचे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2021 10:25 PM

Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज : गुमला सदर थाना के उर्मी डाड़टोली निवासी मनप्यार साहू के तीन वर्षीय पुत्र मोजेश साहू की इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद मौत हो गयी. घटना मंगलवार देर शाम की है. बच्चे को बुखार था. सोसो मोड़ स्थित एक प्राइवेट क्लिनिक में बच्चे का इलाज हुआ. प्राइवेट क्लिनिक के डॉक्टर ने बुखार खत्म करने के लिए इंजेक्शन दिया. इसके कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गयी. इस बीच एंबुलेंस नहीं मिलने पर बच्चे के पिता बेटे के शव को स्कूटी से लेकर सदर हॉस्पिटल पहुंचे.

पिता मनप्यार साहू ने बताया कि उसके बेटे को कई दिन से बुखार था. वह अपने पुत्र को मंगलवार की शाम को सोसो मोड़ स्थित प्राइवेट क्लिनिक में ले गया था. जहां उसे इंजेक्शन दिया गया. उसके बाद उसकी मौत हो गयी. मृत बच्चे को पिता स्कूटी से लेकर सदर हॉस्पिटल गुमला पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

बेटे का शव स्कूटी से लेकर हाॅस्पिटल पहुंचे पिता

मनप्यार ने बताया कि क्लिनिक में मौजूद एक डॉक्टर ने उसके बेटे को इंजेक्शन दिया. इंजेक्शन लगने के बाद ही बच्चा तड़पने लगा. यह देख क्लिनिक में मौजूद एक युवक ने तुरंत सदर हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा. बच्चे की हालत बिगड़ने लगी. एंबुलेंस नहीं मिलने पर स्कूटी से ही बच्चे को सदर हॉस्पिटल लाया गया. जहां चिकित्सक ने बच्चे की जांच के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे के गम में पिता को अब यह भी याद नहीं रहा कि वह किस क्लिनिक में उसने अपने बच्चे का इलाज कराया और किस डॉक्टर ने उसके बच्चे को इंजेक्शन दिया था.

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बता दें कि गुमला में प्रशासन की उदासीनता के कारण झोलाछाप डॉक्टरों का मनोबल बढ़ता जा रहा है. बिना सोचे- समझे मरीज का उपचार कर रहे हैं. जब मरीज की स्थिति बिगड़ने लगती है, तो अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. इनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होने से आये दिन लोग इन झोलाछाप डॉक्टरों के झांसे में आकर अपना धन- दौलत के साथ- साथ जान तक गंवा रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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