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Jharkhand News : बिकने से बचीं पूर्वी सिंहभूम की चार लड़कियां, काम दिलाने के लिए तस्कर ले जा रहा था दिल्ली

ये चारों लड़कियां पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकड़े सनकुजा गांव की रहने वाली हैं. घर परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी. किसी लड़की के पिता का निधन हो गया है तो किसी की माता का निधन हो गया है. घर में कमाने वाला कोई नहीं है. जिस कारण ये चारों लड़कियां मानव तस्कर के बहकावे में आकर दिल्ली जा रही थीं. परंतु पुलिस की सक्रियता से चारों को तस्करों से चंगुल से मुक्त कराते हुए दिल्ली में बिकने से बचा लिया गया.

पूर्वी सिंहभूम जिला की चार लड़कियां दिल्ली में बिकने से बच गयी. गुमला के कामडारा थाना की पुलिस की पहल पर इन लड़कियों को मानव तस्कर से मुक्त कराया गया. पुलिस ने लड़कियों को गुमला सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया. इसमें दो लड़की नाबालिग है. जिन्हें बालगृह में रखा गया है. जबकि दो लड़की बालिग हैं. जिन्हें नारी निकेतन में रखा गया है.

ये चारों लड़कियां पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकड़े सनकुजा गांव की रहने वाली हैं. घर परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी. किसी लड़की के पिता का निधन हो गया है तो किसी की माता का निधन हो गया है. घर में कमाने वाला कोई नहीं है. जिस कारण ये चारों लड़कियां मानव तस्कर के बहकावे में आकर दिल्ली जा रही थीं. परंतु पुलिस की सक्रियता से चारों को तस्करों से चंगुल से मुक्त कराते हुए दिल्ली में बिकने से बचा लिया गया.

सीडब्ल्यूसी गुमला ने चारों लड़कियों के घर व परिवार का सत्यापन करा रही है. ताकि उनके परिजनों को गुमला बुला कर उनके हवाले लड़कियों को किया जा सके. जब तक घर का सत्यापन व जांच पूरी नहीं हो जाती. लड़कियां गुमला के बालगृह व नारी निकेतन में रहेंगी.

गरीबी के कारण दिल्ली जा रही थी

मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त हुई दो लड़कियों ने दिल्ली जाने का कारण प्रभात खबर को बताया. सोमारी व सबिया (बदला हुआ नाम) दोनों नाबालिग हैं. सोमारी ने बताया कि उसका परिवार गरीब है. गांव में कोई काम भी नहीं है. गरीबी के कारण वह स्कूल भी जाना छोड़ दी. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण गांव का एक मानव तस्कर उसे दिल्ली चलने के लिए कहा.

तस्कर ने कहा था कि दिल्ली में 10 से 15 हजार रुपये महीना मिलेगा. खाना पीना अलग से मिलेगा. तस्कर के कहने पर वह उसके साथ दिल्ली जा रही थी. सबिया ने कहा कि वह अनपढ़ है. पिता का निधन हो गया है. घर में कमाने वाला कोई नहीं है. उसके छोटे भाई बहन हैं. उनकी परवरिश भी करना है. इसलिए वह मानव तस्कर के बहकावे में आकर दिल्ली जा रही थी. परंतु उससे पहले पुलिस ने उसे मानव तस्कर के चंगुल से मुक्त करा लिया.

सीडब्ल्यूसी सदस्य ने कहा

सीडब्ल्यूसी सदस्य सुषमा देवी ने कहा कि कामडारा पुलिस चार लड़कियों को नारी निकेतन को सौंपा था. जिसमें दो नाबालिग व दो बालिग है. इन लड़कियों के परिजनों को सूचना दी गयी है. साथ ही इनके घर का सत्यापन किया जा रहा है. ताकि कागजी कार्रवाई के बाद लड़कियों को उनके परिजनों को सौंपा जा सके.

Posted By : Sameer Oraon

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