jharkhand news, gumla news गुमला : गुमला प्रखंड की डुमरडीह पंचायत की दुष्कर्म पीड़िता अंधी लड़की गर्भवती है. छह माह का गर्भ है, परंतु उसे स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. पीड़िता गरीब परिवार से है. घर में ठीक से देखरेख हो, इसकी भी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे पीड़िता परेशान है. अगर पीड़िता काे जल्द स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिलता है, तो जच्चा-बच्चा को खतरा हो सकता है. क्योंकि पीड़िता देख नहीं सकती है.
इस कारण वह खुद भी अपना ख्याल नहीं रख पा रही है. इस स्थिति में उसे गिरने व चोट लगने का भी डर बना रहता है. वहीं घर में पीड़िता की छोटी बहन है, जो अपनी बड़ी गर्भवती बहन की किस प्रकार देखरेख करे, इससे अनभिज्ञ है. एक बड़ा भाई है, जो अक्सर मजदूरी करने के लिए बाहर रहता है. पिता भी दूसरे गांव में ईंट भट्ठा में मजदूरी करते हैं और भट्ठा में ही रहते हैं. घर में बूढ़ी दादी व दादा है. वे खुद लाचार हैं. दादा-दादी के पास इतना पैसा भी नहीं है कि 10 किमी की दूरी तय कर अपनी पोती को गुमला लाकर इलाज करवा सके. पीड़िता की मां नहीं है.
पीड़िता की दोनों आंखों में रोशनी नहीं है. उम्र 16 साल है. कुछ माह पहले लड़की के अंधेपन का फायदा उठा कर कुछ युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. जब लड़की गर्भवती हुई, तो मामले का खुलासा हुआ. इस मामले में गुमला महिला थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का मेडिकल व कोर्ट में 164 का बयान दर्ज हुआ था. इसके बाद उसे वापस उसके घर भेज दिया गया, जबकि पीड़िता नाबालिग है. वह देख नहीं सकती, इसलिए प्रशासन को उसे गुमला में ही किसी आश्रयगृह में रख कर देखरेख करनी थी, परंतु ऐसा नहीं किया गया. जिस कारण लड़की मजबूरी में अपने गांव में ही किसी प्रकार रह रही है.
गर्भवती लड़की संकट में जी रही है. छह माह से अधिक का गर्भ होने के कारण हर दिन वह परेशान रह रही है. पीड़िता के परिवार के लोगों ने इसकी जानकारी मिशन बदलाव के जीतेश मिंज को दी है. साथ ही पीड़िता का इलाज कराने व सुरक्षित जगह पर रखने की मांग की है. इसपर जीतेश मिंज ने कहा है कि प्रशासन का दायित्व बनता है कि लड़की को इस संकट में मदद करे, ताकि वह सुरक्षित रूप से बच्चे को जन्म दे.
सीडब्ल्यूसी गुमला की सदस्य सुषमा देवी ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता जो कि गर्भवती है, उसकी मेडिकल रिपोर्ट पुलिस से मांगी गयी थी, परंतु अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. अगर रिपोर्ट प्राप्त हो जाती, तो लड़की के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे धनबाद के आश्रय गृह में भेजा जा सकता था, जिससे वह वहां ठीक ढंग से रह कर अपने बच्चे को जन्म दे सकती थी. अगर अभी लड़की संकट में है, तो उसकी मदद की पहल की जायेगी.
Posted By : Sameer Oraon