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Jharkhand News : गुमला में हुए नरसंहार पर झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, मामले की सुनवाई अब इस तारीख को

डायन बिसाही जैसे अंधविश्वासों को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार को लगातार जागरूकता अभियान चलाना चाहिए. उक्त टिप्पणी हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को की. खंडपीठ स्वत: संज्ञान के तहत दर्ज उक्त मामले की सुनवाई कर रहा था. वहीं मामले में राज्य सरकार, गृह सचिव, डीजीपी को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया है.

Jharkhand News, Gumla News, gumla murder case latest update गुमला : गुमला में डायन बिसाही के आरोप में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की घटना काफी विचलित करनेवाली है. यह घटना खाप पंचायत से भी आगे निकल गयी है. इससे पता चलता है कि लोग आज भी पुराने युग में ही जी रहे हैं. ऐसी घटनाएं सरकार के सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं. सोचने की जरूरत है कि डायन बिसाही और जादू टोना को लेकर हो रही घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं.

डायन बिसाही जैसे अंधविश्वासों को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार को लगातार जागरूकता अभियान चलाना चाहिए. उक्त टिप्पणी हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को की. खंडपीठ स्वत: संज्ञान के तहत दर्ज उक्त मामले की सुनवाई कर रहा था. वहीं मामले में राज्य सरकार, गृह सचिव, डीजीपी को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया है.

साथ ही शपथ पत्र के जरिये जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. खंडपीठ ने पूछा है कि घटना को लेकर क्या कार्रवाई की गयी है? भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हो, इसके लिए सरकार के स्तर पर क्या कदम उठाये गये हैं? झालसा के सदस्य सचिव को मामले की जांच कराने व उसकी रिपोर्ट देने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.

23 फरवरी को हुई थी घटना

गुमला की पकरा पंचायत के बुरुहातु आमटोली पहाड़गांव में 23 फरवरी की रात जादू-टोना (अंधविश्वास) के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों की टांगी व अन्य हथियारों से मारकर हत्या कर दी गयी थी. परिवार में सिर्फ आठ साल एक बच्ची बच गयी है. क्योंकि घटना के दिन वह रांची में अपने मौसा के घर पर थी. बताया जाता है कि गांव में लोग बीमार हो रहे थे.

वहीं, कुछ लोगों की बीमारी से मौत हो गयी थी. कुछ पशुओं की भी मौत हुई थी. इसके बाद गांव के लोग बैठक करने के बाद सामूहिक नरसंहार की घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद एसआइटी और एफएसएल की टीम की मदद से हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

इनकी हुई थी हत्या

निकोदिन टोपनो (60 वर्ष), उसकी पत्नी जोसफिना टोपनो (55 वर्ष), बेटा विंसेंट टोपनो (35 वर्ष), बहू सिलवंती टोपनो (30 वर्ष) व पोता अलबिन टोपनो (5 वर्ष).

ये हैं हत्या के आरोपी

सुनील तोपनो उर्फ कोने तोपनो (30), सोमा तोपनो (25), सलीम तोपनो उर्फ बारो (25), फिरंगी तोपनो उर्फ पुजार (45), फिलिप तोपनो (55), अमृत तोपनो (30), सावन तोपनो (34) व दानियल तोपनो (40).

Posted By : Sameer Oraon

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