Jharkhand News : नक्सलियों ने गुमला में ग्रामीणों के जंगल में प्रवेश करने पर लगायी रोक, जानें क्या है पूरा मामला

Jharkhand News (गुमला) : नक्सलियों ने ग्रामीणों से कहा है कि जंगल के कई हिस्सों में बारूदी सुरंग (IED बम) बिछाया हुआ है. अगर ग्रामीण जंगल में घुसते हैं, तो बारूदी सुरंग में पैर पड़ने से ब्लास्ट हो सकता है. वहीं, आग लगाने से भी बम फट सकता है. नक्सलियों के इस फरमान से गांव के लोग एक महीने से जंगल में नहीं घुसे हैं. गांव के लोगों को अगर सूखी लकड़ी की जरूरत पड़ती है, तो जंगल के मुहाने तक ही जा रहे हैं. लेकिन, जंगल के अंदर डर से प्रवेश नहीं कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2021 7:51 PM

Jharkhand News (गुमला), रिपोर्ट- दुर्जय पासवान : झाररखंड के गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड के कुरूमगढ़ थाना अंतर्गत पड़ने वाले गांवों में नक्सलियों ने फरमान जारी किया है. गांव के लोग जंगल में नहीं घुसे. घने जंगलों में पशुओं को चराने एवं सूखी लकड़ी चुनने पर रोक लगा दिया गया है. महुआ चुनने के लिए भी जंगल में आग नहीं लगाना है.

नक्सलियों ने ग्रामीणों से कहा है कि जंगल के कई हिस्सों में बारूदी सुरंग (IED बम) बिछाया हुआ है. अगर ग्रामीण जंगल में घुसते हैं, तो बारूदी सुरंग में पैर पड़ने से ब्लास्ट हो सकता है. वहीं, आग लगाने से भी बम फट सकता है. नक्सलियों के इस फरमान से गांव के लोग एक महीने से जंगल में नहीं घुसे हैं. गांव के लोगों को अगर सूखी लकड़ी की जरूरत पड़ती है, तो जंगल के मुहाने तक ही जा रहे हैं. लेकिन, जंगल के अंदर डर से प्रवेश नहीं कर रहे हैं.

पशुओं के आहार एवं पेयजल का संकट

ग्रामीणों के मुताबिक, नक्सलियों के फरमान के बाद एक महीने से खेत एवं दोइन में पशुओं को चरा रहे हैं. लेकिन, खेत एवं दोइन के चारा से पशुओं का पेट नहीं भर रहा है क्योंकि इस गर्मी में खेत एवं दोइन में खाने के लिए घास व फूस नहीं है और ना ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था है. कई किसान अपने पशुओं को घर पर ही बांधकर रखते हैं. किसी प्रकार खाने के लिए आहार जुगाड़ कर पशुओं को दे रहे हैं. किसानों ने कहा कि जंगल के बीच से कई नदियां गुजरती है. इस कारण नदी के पानी का उपयोग भी नहीं कर पा रहे हैं.

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40 गांवों में फरमान जारी किया है

नक्सलियों ने रोरेद, उरू, बारडीह, गानी, कोचागानी, कुटमा छापरटोली, चांदगो, कोटाम, सकरा, सरगांव, कुकरूंजा, मनातू, ओड़ामार, कोचागानी, रोघाडीह, सकसरी, ऊपर डुमरी, केरागानी, केवना, कोलदा, कुयोग, मड़वा, सिविल, तबेला, घुसरी, रोघाडीह, पांकी, हरिनाखाड़, आंजन, ऊपर आंजन सहित 40 गांव के लोगों को पशुओं को चराने एवं लकड़ी चुनने के लिए जंगल में घुसने से मना कर दिया है.

नक्सलियों ने अपनी सुरक्षा के लिए IED लगाया

पुलिस सूत्रों व ग्रामीणों के अनुसार, नक्सलियों ने अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में बारूदी सुरंग लगा रखा है. नक्सली जंगल में ठहरते हैं. इसलिए जंगल के कुछ हिस्सों में बारूदी सुरंग लगाकर आराम करते हैं. ऐसे में अगर नक्सली सूचना पर पुलिस जब जंगल में घुसे तो वे बारूदी सुरंग की चपेट में आ सकते हैं.

दो घटना घट चुकी है

25 फरवरी, 2021 को रोरेद जंगल में नक्सलियों द्वारा बिछाये गये IED बम में पैर पड़ने से CRPF के जवान रॉबिन्स कुमार का पैर उड़ गया था. वहीं, 27 फरवरी 2021 को IED बम ब्लास्ट होने से मड़वा गांव के महेंद्र महतो (27 वर्ष) का बायां पैर उड़ गया था. वह जंगल पशुओं को चराने गया था.

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खुद को बचाने के लिए नक्सली ग्रामीणों के जीवन से खेल रहे : कुरूमगढ़ थाना प्रभारी

इस संबंध में कुरुमगढ़ थाना के प्रभारी रूपेश कुमार कहते हैं कि एक माह पहले भाकपा माओवादियों ने ग्रामीणों को जंगल में घुसने पर रोक लगा दिया था. इधर, पुन: नये फरमान की जानकारी नहीं है. नक्सली अपने को बचाने के लिए ग्रामीणों के जीवन से खेल रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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