Jharkhand News : झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र, झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2020 को स्वीकृति
Jharkhand News : रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और आखिरी दिन सदन महगामा विधायक दीपिका सिंह किसान विरोधी बिल के खिलाफ ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचीं. सत्तारुढ़ दल के विधायकों ने किसान विरोधी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. हाथों में तख्ती लेकर झामुमो व कांग्रेस के विधायकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. बोकारो से भाजपा विधायक विरंची नारायण ने राज्य में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मामला सदन में उठाया. नियोजन नीति के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. सदन में आज झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन ) विधेयक-2020 को स्वीकृति दी गयी.
Jharkhand News : रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और आखिरी दिन सदन महगामा विधायक दीपिका सिंह किसान विरोधी बिल के खिलाफ ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचीं. सत्तारुढ़ दल के विधायकों ने किसान विरोधी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. हाथों में तख्ती लेकर झामुमो व कांग्रेस के विधायकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. बोकारो से भाजपा विधायक विरंची नारायण ने राज्य में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मामला सदन में उठाया. नियोजन नीति के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. सदन में आज झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन ) विधेयक-2020 को स्वीकृति दी गयी.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट किया है कि झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज अंतिम दिन है. उन्हें उम्मीद है कि सभी सदस्य सदन को चलाने में उनका सहयोग करेंगे.
झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज अंतिम दिन है .
— Rabindra Nath Mahato। Speaker – Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) September 22, 2020
आशा है सभी दलों के नेताओं व माननीय सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग करेंगे .
ताकि हम लोकतांत्रिक परम्पराओं को और अधिक सशक्त बना सकें। #MonsoonSession pic.twitter.com/iywHoZkVmL
सत्तारुढ़ दल के विधायकों ने किसान विरोधी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. हाथों में तख्ती लेकर झामुमो व कांग्रेस के विधायकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. इसमें कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर समेत अन्य शामिल थे.
बोकारो से भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने झारखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मामला सदन में उठाया. उन्होंने प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस रेगुलेशन एक्ट और प्राधिकार के गठन की मांग की. इस दौरान उन्होंने फीस नहीं देने पर नामांकन रद्द करने और ऑनलाइन क्लास की स्थिति की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया.
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हंगामे और शोर-शराबे के कारण प्रश्न काल की कार्यवाही बाधित रही. भाजपा के विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति समेत अन्य मुद्दों को उठाकर राज्य सरकार को घेरा.
झामुमो विधायक सीता सोरेन ने शून्यकाल में अनुबंधकर्मियों के मामले से सदन को अवगत कराया. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
अपनी ओर से राज्य के युवा साथियों छात्र-छात्राओं बेरोजगारों के हित में सभी बातें चाहे JTET 2016 पास या पंचायत सचिव अभ्यर्थी या रोजगार नियुक्ति रिक्त पदों की बातें हो या अनुबंधकर्मियों की बात सभी विधानसभा में रख चुकी हूं। जिसे कार्यवाही में लेना ना लेना विधानसभा का विशेषाधिकार है। pic.twitter.com/pnf7AyXWZy
— Sita Soren (@SitaSorenMLA) September 22, 2020
भवनाथपुर से भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने नियोजन नीति पर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यह सरकार झारखंडी मूलवासी विरोधी है. हाईकोर्ट में सही तरीके से मामले को रखा जाता, तो ये नौबत नहीं आती. उन्होंने ट्वीट कर ये जानकारी दी है.
मानसून सत्र के दौरान पक्ष-विपक्ष के हंगामे व शोर-शराबे के कारण प्रश्न काल की कार्यवाही बाधित रही. इस दौरान भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री रणधीर सिंह के आचरण से स्पीकर रवींद्रनाथ महतो काफी नाराज हुए और उन्हें बाहर करने का आदेश दिया.
झारखंड सरकार की नियोजन नीति सोमवार को उच्च न्यायालय द्वारा रद्द करने से उत्पन्न हुई बेरोजगारी की स्थिति पर कार्यस्थगन के माध्यम से चर्चा की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया. इसके चलते सदन की कार्यवाही पहले एक घंटे के लिए और फिर मुख्यमंत्री के ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ टिप्पणी करने के बाद दो बजे तक के लिए स्थगित हो गयी.
झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की नियोजन नीति 2016 को निरस्त कर दिया है. इसमें स्थानीय लोगों के लिए तृतीय एवं चतुर्थ संवर्ग के रोजगार में सौ प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था. झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन जैसे ही प्रश्नकाल प्रारंभ हुआ. मुख्य विपक्षी भाजपा ने उच्च न्यायालय के सोमवार के आदेश के आलोक में बेरोजगार हुए लोगों के मुद्दे, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की स्थिति पर लाये गये अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने इसकी अनुमति नहीं दी.
इसके बाद भाजपा सदस्यों ने विधानसभा में हंगामा किया तथा अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हंगामे के बीच भाजपा विधायक तथा पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कार्यस्थगन पर चर्चा कराये जाने पर जोर दिया. इस पर विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि सदन ऐसे नहीं चलेगा. इसके जवाब में भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि ऐसे ही चलेगा. भाजपा विधायक के अपने इस बयान के दोहराने पर भड़के विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि सदन में गुंडागर्दी नहीं चलेगी.
विधानसभाध्यक्ष ने आसन के सामने पहुंचे रणधीर सिंह को मार्शलों को आदेश देकर तत्काल सदन से बाहर करवा दिया. विधानसभाध्यक्ष की इस कार्रवाई पर सदन से बाहर रणधीर सिंह ने कहा कि क्या सरकार का विरोध करना गुंडागर्दी है? भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने भी कार्यस्थगन पर चर्चा की मांग की और उनका साथ सभी भाजपा विधायकों ने दिया. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक राज्य की नियोजन नीति पर अदालत के कल के आदेश से उपजी स्थिति पर मुख्यमंत्री के बयान की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री सदन में नहीं थे, जिसके चलते विधानसभाध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री से जवाब दिलाने की बात कही, जिसके लिए भाजपा राजी नहीं हुई.
हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही विधानसभाध्यक्ष ने एक घंटे के लिए स्थगित कर दी और प्रश्नकाल नहीं चल सका. सदन की कार्यवाही दोबारा साढ़े बारह बजे प्रारंभ होने पर मुख्यमंत्री सदन में आ चुके थे और उन्होंने इस मुद्दे पर अपने बयान में दो टूक कहा जैसी करनी वैसी भरनी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार की गलतियों का खामियाजा उनकी सरकार भुगत रही है.
पिछली सरकार ने वैसा कार्य किया, जिस बात की अनुमति संविधान नहीं देता और 13 अनुसूचित जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी सरकारी पदों को स्थानीय लोगों के लिए सौ प्रतिशत आरक्षित कर दिये, जिसके चलते उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया. उन्होंने जैसे ही कहा कि गलत किया तो भुगतना पड़ेगा. भाजपा ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों के हित में बनायी गयी इस नीति के पक्ष में वर्तमान राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में उचित ढंग से सरकार का पक्ष नहीं रखा.
राज्य सरकार की नियोजन नीति को रद्द करने के सोमवार के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के चलते राज्य में नौ हजार से अधिक हाई स्कूल शिक्षकों की नौकरी चली गयी है और वर्ष 2016 की नियोजन नीति को रद्द करने से इसके आधार पर अभी नयी नियुक्तियों पर भी रोक लग गयी है. जिससे बेरोजगारी और भी बढ़ने की आशंका है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के विकास कार्यों एवं उसकी नियुक्तियों तथा नीतियों को जानबूझ कर वर्तमान सरकार ध्वस्त करवा रही है. रद्द करवा रही है. जिससे आने वाले समय में वह अपने लोगों को वहां काम दिला सके. बढ़ते हंगामे को देखकर एक बार फिर विधानसभाध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
झारखंड विधानसभा के तीन दिवसीय मानसून सत्र के आखिरी दिन आज झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2020 को स्वीकृति दी गयी. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
झारखंड विधानसभा में झारखंड माल और सेवा कर ( संशोधन ) विधेयक – 2020 की स्वीकृति दी गई. #MonsoonSession pic.twitter.com/90Qwzsf5Sd
— Rabindra Nath Mahato। Speaker – Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) September 22, 2020
Posted By : Guru Swarup Mishra