गुमला जिला में 16 हजार की आबादी पर मात्र एक डॉक्टर, अभी भी रिक्त है 78 पद, पढ़िए वहां की चौपट होती स्वास्थ्य व्यवस्था
सभी केंद्र के लिए करोड़ों रुपये की लागत से एक्सरे मशीन, इसीजी मशीन व जनरेटर की खरीद हुई थी. इसमें सदर अस्पताल को छोड़ दिया जाये, तो सभी केंद्र में एक्सरे व इसीजी मशीन बेकार पड़ी हुई है. किसी भी केंद्र में टेक्नीशियन डॉक्टर नहीं हैं.
Jharkhand News, Gumla News गुमला : गुमला जिले में 242 स्वास्थ्य सब सेंटर है. लेकिन कई केंद्र बगैर पानी बिजली के है. अगर कहीं पानी के लिए चापानल खोदा भी गया है, तो वह बेकार पड़ा है. 100 सब सेंटर ऐसे हैं. जो सुनसान जगह पर बने हैं. जहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. बिजली भी नहीं है. जिले में एक सदर अस्पताल, दो रेफरल अस्पताल व 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है.
सभी केंद्र के लिए करोड़ों रुपये की लागत से एक्सरे मशीन, इसीजी मशीन व जनरेटर की खरीद हुई थी. इसमें सदर अस्पताल को छोड़ दिया जाये, तो सभी केंद्र में एक्सरे व इसीजी मशीन बेकार पड़ी हुई है. किसी भी केंद्र में टेक्नीशियन डॉक्टर नहीं हैं.
गुमला सदर अस्पताल, बसिया रेफरल व सिसई रेफरल अस्पताल में सर्जरी की सुविधा है. सर्जन भी हैं. लेकिन सर्जरी नहीं होती. मरीजों को रांची रेफर कर दिया जाता है. गुमला सदर अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है. हालांकि गुमला के निजी अस्पताल में यह सुविधा है. पैथोलॉजी जांच की सुविधा सभी केंद्रों में है. लेकिन अधिकांश जांच गुमला सदर अस्पताल में होती है. गुमला जिले में कहीं आइसीयू की व्यवस्था नहीं है. कोरोना मरीज के लिए सदर अस्पताल में आइसीयू बनी है. वहीं नवजात बच्चों के लिए गुमला सदर अस्पताल में एसएनसीयू है.
गुमला अस्पताल में एक भी फिजिशियन नहीं है. गुमला जिले में 143 डॉक्टर की जरूरत है. लेकिन मात्र 65 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. जबकि 78 डॉक्टरों का पद रिक्त है. गुमला जिले की आबादी सवा दस लाख है. इस हिसाब से देखा जाये तो गुमला जिले में 16 हजार में एक डॉक्टर है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉक्टर सुचान मुंडा ने कहा कि गुमला जिला में सर्दी, खांसी, बुखार व एनेमिक मरीजों की संख्या अधिक है. एनेमिक मरीज की संख्या में कमी हो सकती है. लेकिन सर्दी, खांसी, बुखार वायरल बीमारी है, जो इलाज व दवा से ही ठीक हो सकती हैं. कोई भी लक्षण हो. मरीज अस्पताल आये.
डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि गुमला का प्राकृतिक बनावट सुंदर है. यहां की हवा शुद्ध है. इस कारण लोग मौसमी बीमारी का शिकार होते हैं. इसके बाद ठीक हो जाते हैं. कुछ लोग एड्स, टीबी, फाइलेरिया, कुष्ठ के मरीज हैं. इनके लिए स्वास्थ्य विभाग में इलाज की व्यवस्था है.
गुमला जिले में कहां, कितने डॉक्टर हैं
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गुमला सदर अस्पताल 32 09
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बसिया 07 05
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सिसई 07 05
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कुरगी 02 01
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गुमला सीएचसी 03 00
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कोटाम 02 02
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फोरी 02 01
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चैनपुर 07 03
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कुरूमगढ़ 02 01
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डुमरी 07 03
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जैरागी 02 01
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कामडारा 07 04
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पालकोट 07 04
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बिलिंगबीरा 02 01
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रायडीह 07 02
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कोंडरा 02 01
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टुडुरमा 02 01
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बिशुनपुर 07 01
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जोरी 02 01
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नेतरहाट 01 01
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घाघरा 07 05
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पुटो 02 00
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भरनो 07 06
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करंज 02 01
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डुड़िया 01 01
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जुरा 01 01
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सेरका 02 01
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पंडरानी 02 01
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ब्लड बैंक 01 00
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डीएलओ 02 02
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एसीएमओ 01 00
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डीएलओ डीटीबी 01 00
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एमओ 02 00
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डीआरसीएचओ 01 00
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डीभीबीडी 01 00
गुमला जिले में बीमारी व मरीज की संख्या
बीमारी मरीज की संख्या
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एड्स 17
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मोतियाबिंद 246
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कुष्ठ 87
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बीमारी मरीज की संख्या
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टीबी 704
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फाइलेरिया 2540
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कोरोना 99
Posted By : Sameer Oraon