Jharkhand News, Gumla News, गुमला (दुर्जय पासवान) : गुमला शहर के दुंदुरिया मोहल्ला के नाली में फेंके गये दूधमुंहा बच्चे के 3 माह बाद भी माता- पिता नहीं मिले. किसी ने बच्चे पर दावा भी नहीं किया है. इसलिए CWC, गुमला ने बच्चे की गोद की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए CWC द्वारा विज्ञापन भी प्रकाशित कर दिया गया है. नियम के तहत कागजात प्रस्तुत कर कोई भी परिवार अब बच्चे को गोद ले सकता है.
CWC की सदस्य सुषमा देवी ने कहा कि लावारिस हालत में बच्चा मिला था. तब से बच्चा CWC के संरक्षण में है और उसे मदर टेरेसा चैरिटी में रखकर पाला जा रहा है. CWC के माध्यम से ढाई माह तक बच्चे के माता- पिता की तलाश की गयी, लेकिन किसी ने बच्चे पर दावा नहीं किया है. इसलिए अब बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
घटना 7 अक्तूबर, 2020 की है. स्थान- गुमला शहर के दुंदुरिया मोहल्ला है. दुंदुरिया बस डिपू के पीछे नाला बहता है, जहां झाड़ी है. यहां गंदा पानी बहता रहता है. रात 10 बजे अचानक एक नवजात बच्चा (लड़का) रोने लगा. आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे. एक महिला ने हिम्मत दिखायी. झाड़ियों के बीच नाले में जा घुसी. फिर बच्चे को नाला से निकाला. उसे तुरंत गर्म पानी से धोया. उसे कपड़ा से लपेटा. इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. उसी रात को बच्चे को गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के बाद बच्चा स्वस्थ हुआ.
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8 अक्तूबर, 2020 को बच्चे के माता- पिता की तलाश की गयी. माता- पिता कौन है. पता नहीं चला. पुलिस ने बच्चे को CWC को सौंप दिया. अभी बच्चा CWC के संरक्षण में है और मदर टेरेसा चैरिटी की धर्मबहनें बच्चे को मां की तरह परवरिश कर रही हैं. हालांकि, 3 महीने से बच्चे के माता- पिता की तलाश CWC, गुमला कर रही है.
इधर, रेशमा नामक एक महिला ने खुद का बेटा होने का दावा किया. इस संबंध में CWC, गुमला ऑफिस भी गयी. गुहार भी लगायी, लेकिन CWC की ओर सबूत की मांग की गयी. CWC की सुषमा, संजय भगत व डाॅ अशोक मिश्रा ने मुताबिक, बच्चा लावारिस हालत में मिला था, इस कारण बच्चे के संबंध में प्रमाण पत्र देना होगा.
Posted By : Samir Ranjan.