Survey Report, Jharkhand News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिले में दो महीने में 1620 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में से कई लोगों में कोरोना के लक्षण थे, जबकि कई लोग दूसरी बीमारी से भी ग्रसित थे. मौत की यह रिपोर्ट गुमला जिला प्रशासन की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार है. प्रशासन ने जिले के 952 गांवों का सर्वे कराया है. सर्वे में यह बात सामने आयी कि दो महीने में 1620 लोगों की मौत हुई है. वहीं सर्वे से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गुमला जिले के ग्रामीण इलाकों में उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), मधुमेह, हार्ट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
प्रशासन ने 2,09,555 घरों के सर्वे का लक्ष्य रखा था. जिसमें 2,05,622 घरों तक सर्वे टीम पहुंची. इसमें 1,09,5153 लोगों से संपर्क किया गया. उनके स्वास्थ्य व बीमारी की जानकारी ली गयी. जिसमें सर्दी, खांसी, बुखार के 5046 मरीज मिले हैं. वहीं टीबी बीमार के लक्षण वाले 517 मरीज पाये गये. शुगर के लक्षण वाले 3959 मरीजे मिले. बीपी के 5898 मरीज सामने आये हैं, जबकि दो माह में 1620 लोगों की मौत की जानकारी मिली है.
शुगर, हाई बीपी, हार्ट की बीमारी सामान्यत: ग्रामीणों में कम होती थी. इसकी वजह गांव के लोगों की लाइफ स्टाइल है. परंतु प्रशासन द्वारा चलाये गये सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. सर्वे में सर्दी-खांसी, बुखार के साथ-साथ टीबी, हाई बीपी, शुगर, हार्ट मरीज वाले लोग भी मिले हैं. डॉक्टरों के अनुसार इसकी बड़ी वजह ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से बढ़ता शहरीकरण तथा खान-पान में बदलाव है.
गुमला में सर्वे में मिले मरीज
सर्दी बुखार के मरीज : 5046
टीबी बीमार के लक्षण : 517
शुगर के लक्षण वाले : 3959
बीपी के मिले मरीज : 5898
दो माह में मृत्यु : 1620
गुमला के डॉ सुनील किस्कू ने कहा कि शुगर व बीपी वंशानुगत रोग है. शुगर व बीपी होने का दूसरा कारण मानसिक तनाव, समय से भोजन नहीं करना, दूषित भोजन करने के अलावा अन्य तेल से बनी सामग्रियां हैं, जो काफी निम्न तरीके की होती है. जिसके सेवन से बीपी व शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ग्रामीणों को चाहिए कि वे परंपरागत भोजन ही करें. हालांकि ये बीमारी वैसे ही गांवों में देखने को मिल रही है, जहां के लोगों ने दूसरे राज्य में पलायन किया है और गांव का भोजन छोड़कर शहर का भोजन करना शुरू किया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra