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Jharkhand News : झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों की सुध ले रही सरकार, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर मना पायेंगे !

Jharkhand News : रांची : झारखंड पुलिस में सीधी नियुक्ति की मांग को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मियों की सुध लेने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर पहुंचे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने को लेकर ये अड़े हुए हैं. आपको बता दें कि कल उग्र सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठी चार्ज किया गया था और आंसू गैस छोड़े गये थे. इसमें कई घायल हो गये थे.

Jharkhand News : रांची : झारखंड पुलिस में सीधी नियुक्ति की मांग को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मियों की सुध लेने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर पहुंचे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने को लेकर ये अड़े हुए हैं. आपको बता दें कि कल उग्र सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठी चार्ज किया गया था और आंसू गैस छोड़े गये थे. इसमें कई घायल हो गये थे.

झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंचे और सहायक पुलिसकर्मियों को मनाने का प्रयास किया. आपको बता दें कि कल शुक्रवार दोपहर तीन बजे मोरहाबादी मैदान में स्थायीकरण की मांग को लेकर 12 सितंबर से आंदोलन कर रहे राज्य के 12 जिले के लगभग 2350 पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज व आंसू गैस का प्रयोग किया गया था. इसमें कई घायल हो गये. घायलों को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए सहायक पुलिसकर्मियों में अफरातफरी मची हुई थी. इसी दौरान एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा एवं ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग उग्र सहायक पुलिसकर्मियों को समझाने पहुंचे. इस कारण उन्हें सहायक पुलिसकर्मियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा.

लाठी चार्ज के बाद सहायक महिला पुलिसकर्मियों ने रो-रोकर अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि दस हजार रुपये में क्या होता है ? कई महिला शादीशुदा हैं. पति भी बेरोजगार हैं. वहीं, संविदा खत्म होने के बाद अब पैसा भी नहीं मिल रहा है. घरवालों से पैसा मंगा कर खाना खा रहे हैं. उनके साथ में बच्चे भी हैं. केवल अपना देखना होता, तो एक शाम भूखे भी रह जाते, लेकिन बच्चे को दूध व अन्य तरह की जरूरत का सामान तो देना है. आठ दिनों से यहां पड़े हैं. हमारी क्या स्थिति है, कोई देखनेवाला तक नहीं है.

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सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे अति नक्सल प्रभावित इलाके से आते हैं. सरकार यदि उन्हें नौकरी पर दोबारा बहाल नहीं करती है, तो वे नक्सली संगठन में शामिल हो जायेंगे. तीन साल तक सेवा देने के बाद भी सहयोगियों की ही लाठी खानी पड़ रही है. इससे बड़ी बात क्या हो सकती है, जिसके साथ उन्होंने काम किया, वही उन पर आज लाठी बरसा रहे हैं.

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स्थायीकरण की मांग को लेकर सात सितंबर से सहायक पुलिसकर्मी हड़ताल पर हैं. वे 12 सितंबर को राजभवन के समीप पर धरना देने के लिए रांची आये, लेकिन वहां धरना नहीं देने दिया गया. 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की 10 हजार रुपये मानदेय पर नियुक्ति की गयी थी. हालांकि 2350 सहायक पुलिसकर्मियों ने ही नौकरी ज्वॉइन की थी. इन पुलिसकर्मियों का कहना है कि नियुक्ति के समय बताया गया था कि तीन साल बाद उनकी सेवा स्थायी हो जायेगी. लेकिन, तीन वर्ष पूरा होने के बाद भी स्थायीकरण नहीं हुआ है.

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भाजपा के चार विधायकों ने रांची के मोरहाबादी मैदान जाकर सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. उनका हाल जाना. इनमें भवनाथपुर से भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही, विधायक अमित मंडल, विधायक किशुन दास एवं इंद्रजीत महतो शामिल थे.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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