गुमला के इस गांव के लोग हैं सबसे ज्यादा अंधविश्वास का शिकार, तीन वृद्ध को डायन बिसाही का आरोप लगा गांव से निकाला

इन लोगों को गांव से निकाले जाने के बाद वृद्ध दंपती गुमला की पुग्गू पंचायत व फुलो नवाडीह पंचायत में अपनी बेटियों के घर में रह रही हैं. ये लोग डर से अपने गांव जाना नहीं चाहते. इन्हें डर है कि गांव वाले डायन बिसाही के शक में इनकी हत्या कर देंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | March 20, 2021 1:21 PM

Jharkhand News, Gumla News, Latest Witch Hunt Cases In Gumla गुमला : गांव में बीमारी से लोग मरने लगे, तो तीन वृद्धों पर डायन बिसाही करने का आरोप लगा कर ग्रामीणों ने गांव से निकाल दिया. इसमें दो महिला व एक पुरुष शामिल हैं. इनकी उम्र 75 से 90 साल है. गांव में नहीं घुसने की भी धमकी दी. डर से तीनों वृद्ध तीन साल से गुमला में शरण लिये हुए हैं. अंधविश्वास का यह मामला गुमला से 12 किमी दूर बड़ा लोरो गांव का है. वृद्ध दंपती महली उरांव (80) व बुद्धनी देवी (75) और विधवा फुलो मुंडाइन (90) लोगों के अंधविश्वास का शिकार हैं.

इन लोगों को गांव से निकाले जाने के बाद वृद्ध दंपती गुमला की पुग्गू पंचायत व फुलो नवाडीह पंचायत में अपनी बेटियों के घर में रह रही हैं. ये लोग डर से अपने गांव जाना नहीं चाहते. इन्हें डर है कि गांव वाले डायन बिसाही के शक में इनकी हत्या कर देंगे.

तीन लोगों की मौत से अंधविश्वासी हुए लोग :

तीन साल पहले फुलो मुंडाइन के पति सोमा मुंडा की बीमारी से मौत हो गयी थी. इसके बाद उसके पुत्र भंवरा मुंडा व गंदुर मुंडा की भी बीमारी से जान चली गयी थी. इससे गांव के लोग अंधविश्वासी हो गये. फुलो मुंडाइन पर डायन बिसाही करने का आरोप लगाने का लगा. परिवार के लोगों ने ही फुलो को घर व गांव से निकाल दिया. उसी समय से फुलो नवाडीह में रह रही है.

वहीं वृद्ध दंपती महली उरांव व बुद्धनी उरांव पर गांव के ही लोगों ने डायन बिसाही करने का आरोप लगाया था. गांव में दोनों प्रताड़ित होने लगे. जान को खतरा हो गया था. बताया गया कि महली उरांव कहीं भी बैठता था तो कुछ बोलते रहता था. हाथ पैर को रगड़ता था. इसलिए डायन बिसाही का आरोप लगा कर दोनों को निकाल दिया गया.

वृद्धों को गांव वापस लाया जायेगा : अध्यक्ष :

बड़ा लोरो गांव के ग्राम प्रधान घसिया उरांव ने कहा कि हमारे गांव की दो वृद्ध महिला व एक पुरुष जो तीन वर्षों से गांव से बाहर रह रहे हैं. उन्हें पूरे सम्मान के साथ गांव लाया जायेगा. 15 दिन के अंदर गांव में बैठक कर वृद्धों को गांव वापस लाने की पहल की जायेगी. उन्होंने कहा कि यह सच है कि अंधविश्वास में आकर गांव के कुछ लोगों ने वृद्धों के साथ गलत व्यवहार किया था. जिसके बाद वे लोग गांव छोड़ कर गुमला में रह रहे हैं.

बड़ा लोरो गांव में अंधविश्वास है : कमला दुबे :

बड़ा लोरो गांव की शिक्षाविद कमला दूबे ने कहा कि हमारा गांव अशिक्षा एवं कुप्रथाओं का शिकार है. यहां अंधविश्वास है. जिस कारण हमारे गांव के तीन वृद्ध गुमला में प्रवासी जीवन जी रहे हैं. जबकि उन्हें थोड़ी मानसिक बीमारी थी. लोग उन्हें डायन बिसाही का ताना देने लगे. एक वृद्ध महिला को तो उसके ही परिवार के लोगों ने घर से निकाल दिया व एक वृद्ध दंपती ने डर से गांव छोड़ दिया. गांव के प्रबुद्ध लोगों व प्रशासन से अपील है. वर्षों से प्रवासी रह रहे तीनों वृद्धों को गांव वापस लाकर ससम्मान आश्रय दिया जाये.

डर से थाने में शिकायत नहीं की : सचिव :

सेव योर लाइफ संस्था गुमला के सचिव संतोष कुमार झा ने कहा कि बड़ा लोरो गांव में डायन बिसाही, जादू टोना, ओझागुनी के मामले हैं. मैंने इस गांव का भ्रमण किया, ग्रामीणों से बात की है. गांव के तीन वृद्धों को डायन बिसाही के आरोप में निकाल दिया गया है. दो साल से तीनों वृद्ध गांव से बाहर हैं. वृद्ध डरे हुए हैं. इस कारण पूर्व में इस मामले को थाने में नहीं ले जाया गया है. परंतु अब वृद्ध गांव आना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि प्रशासन इसकी पहल करे. जिससे वृद्धों को ससम्मान गांव में वापस लाया जा सके.

Posted By : Sameer Oraon

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