Jharkhand News : मौसम ने बदली करवट, गुमला में बढ़ने लगी मरीजों की संख्या, सदर हॉस्पिटल में खाली नहीं है बेड
Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज : गुमला के सदर हॉस्पिटल में 100 बेड है, लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण अस्पताल के 35 बेड के कमरे को ICU कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है. जिससे अस्पताल में 35 बेड की कमी हो गयी है और इस तरह वर्तमान में गुमला सदर हॉस्पिटल में 65 बेड है. मौसम बदलने के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही कारण है कि गुमला सदर हॉस्पिटल में मरीजों से बेड फुल हो गये हैं और नये मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है.
Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (जॉली/अंकित) : मौसम करवट बदली है. तेज गर्मी पड़ने लगी है. इससे बीमारी का प्रकोप बढ़ा है. गुमला सदर हॉस्पिटल के सभी बेड मरीजों से भरे पड़े हैं. नये मरीजों के लिए बेड खाली नहीं है. सदर हॉस्पिटल में 65 बेड है. जिसमें हर बेड में मरीज है. एनीमिया, बुखार, एक्सीडेंट, उल्टी, सिरदर्द सहित दूसरी बीमारी के मरीज इलाजरत हैं.
गुमला के सदर हॉस्पिटल में 100 बेड है, लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण अस्पताल के 35 बेड के कमरे को ICU कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है. जिससे अस्पताल में 35 बेड की कमी हो गयी है और इस तरह वर्तमान में गुमला सदर हॉस्पिटल में 65 बेड है. मौसम बदलने के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही कारण है कि गुमला सदर हॉस्पिटल में मरीजों से बेड फुल हो गये हैं और नये मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है.
इधर, सदर हॉस्पिटल में बेड की संख्या कम होने के कारण आपातकालीन कक्ष को हटा दिया गया है. अब आपातकालीन ओपीडी के रूम नंबर 110 में चलता. ओपीडी संचालन में हॉस्पिटल प्रबंधन को परेशानी हो रही है. चूंकि सदर हॉस्पिटल, गुमला में प्रतिदिन 300 से अधिक मरीज अपना इलाज कराने आते हैं.
Also Read: Jharkhand Naxal News : झारखंड के गुमला में इनामी नक्सली लजीम अंसारी के परिवार को एसपी ने दी नसीहत, सरेंडर कराइए, तभी रहेंगे सुरक्षित गर्भवती महिलाओं के जांच करने में परेशानीसदर हॉस्पिटल, गुमला में प्रत्येक माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना (Prime Ministers Safe Maternity Scheme) के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है. गर्भवती महिलाओं की संख्या अधिक होने पर उन्हें फर्श पर बैठाया जाता है. मंगलवार (9 मार्च, 2021) को 200 से अधिक महिलाओं को फर्श पर बैठाया गया. इसके बाद एक-एक कर सभी का इलाज महिला डॉक्टर ने किया. कोरोना संक्रमण में एक ही जगह सभी को बैठाकर रखा गया था.
मास्क का प्रयोग करना भूल गयेकोरोना संक्रमण अभी भी है. रांची और पश्चिम सिंहभूम के बाद गुमला जिला तीसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक 21 लोग कोरोना से संक्रमित हैं. जिनका इलाज चल रहा है. इसके बाद भी गुमला सदर हॉस्पिटल में मास्क का प्रयोग नहीं हो रहा है. लोग बेरोक-टोक के बिना मास्क के हॉस्पिटल में घुस जाते हैं. हॉस्पिटल प्रबंधन इसपर ध्यान नहीं दे रहा है.
हॉस्पिटल में सफाई व्यवस्था अच्छीसदर हॉस्पिटल, गुमला की सफाई व्यवस्था सबसे अच्छी है. हर दो-तीन घंटे में हॉस्पिटल के फर्स को साफ किया जाता है. जिससे हॉस्पिटल साफ नजर आता है. हॉस्पिटल के चतुर्थ वर्गीय कर्मी अपने कामों का ईमानदारी पूर्वक निष्पादन करते हैं. मंगलवार को दिन के 11:30 बजे हॉस्पिटल की एक सफाई कर्मी बरामदे को पोछा लगाते नजर आयी. वहीं, अजय असुर द्वारा हॉस्पिटल के गंदगी वाली जगह में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते पाया गया.
Also Read: Jharkhand News : आज भी आदिम युग में जीने को विवश हैं झारखंड के गुमला में असुर जनजाति समुदाय के लोग, पढ़िए क्या जमीनी हकीकत बेड की कमी के लिए पत्र लिखा हूं : डीएसडीएस डॉ आनंद किशोर उरांव ने कहा कि सदर हॉस्पिटल में एक ओर कोविड आइसीयू आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जिसके कारण हॉस्पिटल में 35 बेड कम हो गयी है. गर्मी का मौसम की शुरुआत हो गयी है. इसलिए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. हमने सीएस से पत्राचार कर बेड की व्यवस्था व जगह दिलाने की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है. अगर ऐसे में कोई बड़ी घटना हो, तो मरीजों को गद्दे के सहारे फर्श पर लिटा कर इलाज करना होगा. हॉस्पिटल के एचएम अपने कार्यों में बैठ कर दिन बिताते हैं. उन्हें हॉस्पिटल की व्यवस्था व अव्यवस्था से कोई मतलब नहीं है.
Posted By : Samir Ranjan.