Jharkhand News : जान हथेली पर रखकर चेकडैम पार करते हैं ग्रामीण, गुमला के कोयल नदी पर अब तक नहीं बना पुल

गुमला के घाघरा गांव से बहती कोयल नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ग्रामीण आवागमन के लिए चेकडैम का सहारा लेते हैं. लेकिन, बारिश के दिनों में चेकडैम में काफी पानी होने के कारण कई बार ग्रामीण बह भी गये हैं. इसके बावजूद पुल निर्माण को लेकर कोई सुध नहीं ले रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2021 8:48 PM
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Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : गुमला जिला के घोर नक्सल प्रभावित बिशुनपुर प्रखंड के बनालात के समीप घाघरा गांव से कोयल नदी बहती है. इस नदी पर पुल नहीं है. एक चेकडैम बनाया गया है. लोग इसी चेकडैम से होकर आना-जाना करते हैं. एक दर्जन गांव के करीब 11 हजार आबादी इसी चेकडैम के भरोसे है, लेकिन नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने व अचानक नदी में बाढ़ आने से चेकडैम से पार करने के दौरान कई लोग नदी में बह भी चुके हैं.

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ग्रामीणों की माने, तो नदी में बहने से अबतक एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि बरसात में एक दर्जन गांव चार महीने तक टापू रहता है. नदी के उस पार कटिया, बोरांग, जमटी, टेमरकर्चा, कुमाड़ी, कठठोकवा, खूटीटांड़, जुड़वानी, आसनपानी साहित एक दर्जन गांव है. बरसात के दिनों में ग्रामीण अपने राशन से संबंधित चीजों का जुगाड़ करने में लग जाते हैं. फिर भी कई महत्वपूर्ण जरूरत की चीजों के लिए गांव से निकलते हैं और पुल विहीन नदी होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं.

कई लोगों की हो चुकी है मौत

घाघरा कोयल नदी में पुल नहीं होने के कारण हर साल बाढ़ में लोग बहते हैं. मवेशियों की भी जान जाती है. पिछले 10 सालों की आकलन देखें, तो प्रभावित गांव के कैलाश खेरवार, सघनू नगेसिया, लेडहू लोहरा, गुजरू उरांव, डंकू परहयिया, बालचन लोहरा सहित दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है.

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गत 13 सितंबर, 2021 को कटिया निवासी सुनील उरांव का टेंपो नदी के बाढ़ में बह गया जो अब तक नहीं मिल सका. वहीं, बेरीटोली गांव के किसान किशुन उरांव का तीन बैलों की मौत घाघरा नदी में ही बाढ़ में बहने से हो गयी थी.

लोगों ने बचायी थी जान : भूलन

बाढ़ में बहे आसनपानी निवासी भूलन नगेशिया ने बताया कि मैं जब नदी में घुसा, तो नदी में पानी बहुत कम था, लेकिन पहाड़ के किसी छोर पानी आया था और जब मैं नदी पर कर रहा था, तो चेकडैम से अचानक पैर फिसल गया और मैं नदी में गिर गया. जिससे बहने लगा. बड़ी मशक्कत से मुझे वहां मौजूद लोगों ने मेरी जान बचायी थी.

इधर, सोमवार को नदी में बहा, मंगलवार की सुबह शव मिला

लालदेव उरांव अपने गांव कटिया से सोमवार को बनारी स्थित लगने वाला साप्ताहिक हाट अपने घर के जरूरत का सामान लेने निकला था. बाजार से घर लौटने के क्रम में पुल विहीन घाघरा नदी में बने चेकडैम के सहारे नदी पार कर रहा था. तभी अचानक नदी उफनने लगा. नदी की लहर में बलदेव बह गया. इसके बाद से बलदेव गायब था.

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मंगलवार की सुबह पत्नी सनमइत देवी ने पति के घर नहीं पहुंचने की सूचना गांव के लोगों को दी. जिसके बाद ग्रामीणों को शक हुआ और वे घाघरा कोयल नदी की ओर गये. जहां बाढ़ कम होने के दौरान चेकडैम से दो किलोमीटर दूर लीलाडेरा नामक स्थान में नदी के किनारे बालू में शव दबा हुआ मिला. इसकी सूचना बिशुनपुर थाना को दी गयी. जानकारी मिलने के बाद थाना प्रभारी सदानंद सिंह मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए गुमला भेजा.

Posted By : Samir Ranjan.

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