झारखंड राज्य दिव्यांगजन विकास निधि से दिव्यांग ऐसे पा सकेंगे 1 लाख तक का अनुदान, ये दस्तावेज हैं जरूरी

दिव्यांगों को जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा करना है. अनुदान प्राप्ति का उद्देश्य व ब्योरा स्पष्ट रूप से देना जरूरी है. उम्र प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, आधार कार्ड नहीं रहने पर स्वघोषणा पत्र देना अनिवार्य है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2021 1:53 PM
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Jharkhand News, गुमला न्यूज (जगरनाथ) : झारखंड सरकार ने दिव्यांगों के लिए राज्य दिव्यांगजन विकास निधि की शुरुआत की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगों को लाभ देना है. इस योजना के तहत दिव्यांगों को 50 हजार से एक लाख रुपये तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जायेगा. डीएसडब्ल्यूओ सीता पुष्पा ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए कोई भी दिव्यांग आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ गुमला के जिला समाज कल्याण विभाग में आवेदन जमा करेगा. आवेदन की जांच पड़ताल के बाद राज्य नि:शक्तता आयुक्त को आवेदन भेजा जायेगा. इसके बाद योजना का लाभ दिव्यांगों को दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य दिव्यांगजन विकास निधि नियमावली-2021 के तहत सहयोग राशि प्राप्ति हेतु अहर्ता रखने वाले अभ्यार्थी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं.

राज्य दिव्यांगजन विकास निधि का उद्देश्य

: दिव्यांग छात्र, जो भारत सरकार की नेशनल स्कॉलरशिप स्कीम का लाभ पाने से वंचित हैं. उन्हें उच्च शिक्षा में अध्ययन के लिए 50 हजार रुपये तक की राशि एकमुस्त आर्थिक अनुदान प्रदान किया जायेगा.

: दिव्यांगों को यदि किसी यंत्र व उपकरण की आवश्यकता है तो इसके लिए 15 हजार रुपये दिया जायेगा. जिससे दिव्यांग यंत्र या उपकरण खरीद सकते हैं.

: एकल दिव्यांग व थैलेसिमिया से ग्रसित जिन्हें प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना या अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता है. उन्हें रोजगार सृजन के लिए 50 हजार रुपये तक की आर्थिक अनुदान दिया जायेगा.

: दिव्यांगों के स्वयं सहायता समूह को जिन्हें प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजला या अन्य किसी प्रकार की मदद नहीं मिलती. उन्हें रोजगार के लिए एक लाख रुपये की राशि आर्थिक अनुदान में दी जायेगी.

: मानसिक व बौद्धिक दिव्यांग के अभिभावक को जिन्हें पीएम रोजगार गारंटी या अन्य सरकारी लाभ नहीं मिलता. उन्हें स्वरोजगार के लिए 50 हजार रुपये अनुदान में दिया जायेगा.

: मानसिक व बौद्धिक दिव्यांग के विधिक अभिभावकों के स्वयं सहायता समूह को जिन्हें पीएम रोजगार गारंटी या अन्य सरकारी लाभ नहीं मिलता. उन्हें स्वरोजगार के लिए एक लाख रुपये अनुदान में दिया जायेगा.

: खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग व इनके समूह को जिला खेल पदाधिकारी की अनुशंसा पर प्रशिक्षण एवं उपकरण के लिए 50 हजार रुपये की राशि एकमुस्त अनुदान में दी जायेगी.

: आवश्यकतानुसार किसी अन्य कोटि के आवेदन पर भी विचार कर सहायता अनुदान दिया जा सकता है. या फिर राज्य सरकार की किसी योजना व कार्यक्रम का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे लोगों को भी चिन्हित कर लाभ दिया जायेगा.

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जिला चिकित्सा से दिव्यांग प्रमाण पत्र जरूरी है. दिव्यांगता की श्रेणी में आना जरूरी है. आयु पांच वर्ष से अधिक हो. रोजगार के लिए उम्र 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए. एक लाभुक की स्थिति, उनके माता पिता की आय व आयकर हेतु निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए. दिव्यांग के माता-पिता या अभिभावक सरकारी कर्मी या सरकारी सेवा से सेवानिवृत कर्मी नहीं होनी चाहिए. दिव्यांग स्वयं सहायता समूह में कम से कम 80 प्रतिशत सदस्यों को दिव्यांग होना जरूरी है.

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जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा करना है. जिसमें अनुदान प्राप्ति का उद्देश्य व ब्योरा स्पष्ट रूप से देना जरूरी है. साथ ही उम्र प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, आधार कार्ड नहीं रहने पर स्वघोषणा पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बैंक खाता के पासबुक, स्वरोजगार हेतु प्रस्तावित रोजगार से संबंधित कार्य योजना व घोषणा पत्र देना अनिवार्य है. प्रमाण पत्रों की छायाप्रति को जमा करना है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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