Jharkhand Tourism: कॉरिडोर बनने से गुमला में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

गुमला का नैसर्गिक वातावरण बरबस ही सैलानियों को खींच लाता है. गुमला में कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जहां आसानी से घूमा जा सकता है. यह श्रीराम भक्त हनुमान की जन्मस्थली है. पग-पग पर धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल है. दक्षिणी कोयल व शंख नदी गुमला से होकर बहती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2023 8:22 PM

गुमला, दुर्जय पासवान. गुमला में पर्यटन के क्षेत्र में काफी अच्छी संभावना है. अगर गुमला को कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाये, तो टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. गुमला में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने व रोजगार सृजन के लिए लंबे समय से कॉरिडोर बनाने की मांग उठ रही है. गुमला हसीन वादियों के बीच बसा है. दक्षिणी कोयल व शंख नदी की इठलाकर बहती जलधारा है. ऊंचे ऊंचे पहाड़ है. घुमावदार रोड है. घने जंगलों के बीच बसे गांव है. पहाड़ की चोटी पर सुंदर तालाब व हरे भरे पेड़ है. कोयल की कूक, चिड़ियों की चहचहाहट, ऐसा लगता है कि गुमला जिले को प्राकृति ने खुद संवारा है.

खींचे चले आते हैं सैलानी

गुमला का नैसर्गिक वातावरण बरबस ही सैलानियों को खींच लाता है. गुमला में कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जहां आसानी से घूमा जा सकता है. यह श्रीराम भक्त हनुमान की जन्मस्थली है. पग-पग पर धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल है. दक्षिणी कोयल व शंख नदी गुमला से होकर बहती है. धार्मिक आस्था के केंद्र टांगीनाथ धाम, देवाकीधाम, महामाया मंदिर, वासुदेव कोना मंदिर है. रमणीय पंपापुर, नागफेनी, बाघमुंडा, हीरादह गुमला जिले की पहचान है. ऐतिहासिक धरोहर डोइसागढ़ है. अंग्रेजों को धूल चटाने वाले बख्तर साय, मुंडन सिंह, तेलंगा खड़िया व जतरा टाना भगत जैसे वीर सैनानियों की जन्म भूमि है. परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का जैसे वीर सपूत इसी गुमला के जारी प्रखंड की धरती पर जन्म लिये. गुमला शहीदों की भूमि है. गुमला के बगल में लोहरदगा, सिमडेगा, रांची व लातेहार जिला का बॉर्डर सटता है. यह छत्तीसगढ़ व ओड़िशा राज्य का प्रवेश द्वार है. गुमला के प्रमुख धार्मिक, पर्यटक व ऐतिहासिक स्थलों में आंजनधाम, टांगीनाथ धाम, वासुदेव कोना, देवाकीधाम, बनारी में पांच पांडव पहाड़, बिशुनपुर में रंगनाथ मंदिर, डुमरी में सीरासीता, अलबर्ट एक्का जारी में रूद्रपुर का प्राचीन शिवमंदिर, सिसई में छोटानागपुर महाराजाओं की राजधानी डोयसागढ़, नागफेनी, पंपापुर, सुग्रीव गुफा, हापामुनी का प्रसिद्ध महामाया मंदिर, रायडीह में हीरादह, बाघमुंडा जलप्रपात, डुम्बो मंदिर है. इन सभी स्थानों तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग है. गाड़ियां चलती है. उग्रवाद भी अब कम हो गया है. ऐसे में इन पर्यटक स्थलों को जोड़ दिया जाये तो यह मिनी कश्मीर से कम नहीं होगा.

पर्यटन से बढ़ेगा रोजगार

गुमला के अलावा बगल जिला लातेहार में नेतरहाट, बेतला पार्क, लोहरदगा में कई पर्यटक स्थल, सिमडेगा में रामरेखा धाम, जशपुर में रानीदह के अलावा खूंटी जिला में भी कई ऐसे स्थल है. जहां घूमा फिरा जा सकता है. इन पर्यटक स्थलों को जोड़कर कॉरिडोर बनाने से न रोजगार के अवसर खुलेंगे. बल्कि पलायन, गरीबी, बेरोजगारी कम होगी. कांग्रेस के पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने कहा है कि गुमला व लोहरदगा जिले के विकास के लिए जरूरी है. पर्यटन स्थलों को विकसित कर इससे रोजगार के अवसर पैदा किये जाये.

Next Article

Exit mobile version