26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति

नये साल में घूमने-फिरने और प्राचीन धरोहर देखने का मन बना रहे हैं, तो गुमला के टांगीनाथ धाम आइए. यहां कई पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर आपको देखने को मिलेंगे. इस टांगीनाथ धाम में कलाकृतियां और नक्कासी देवकाल की कहानी बयां करती है.

Undefined
Jharkhand tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति 7
पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर समेटे है टांगीनाथ धाम

छत्तीसगढ़ राज्य से सटे गुमला जिला अंतर्गत डुमरी प्रखंड के मझगांव में टांगीनाथ धाम है. यहां कई पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर है. आज भी इन धरोहरों को देखा जा सकता है. यहां की कलाकृतियां और नक्कासी, देवकाल की कहानी बयां करती है. साथ ही कई ऐसे स्रोत हैं, जो वर्तमान पीढ़ी को 7वीं और 9वीं शताब्दी में ले जाता है. यह धार्मिक के अलावा पर्यटक स्थल के रूप में विश्व विख्यात है. धार्मिक कार्यक्रम हो या फिर नववर्ष की बेला. यहां लोग दूर-दूर से घूमने व धर्म कर्म में भाग लेने आते हैं. गुमला से 70 किमी दूर डुमरी प्रखंड के टांगीनाथ धाम में साक्षात भगवान शिव निवास करते हैं. सैलानियों को यहां धर्म कर्म के अलावा सुंदर व मनमोहक प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलेगा.

Undefined
Jharkhand tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति 8
फिर दोबारा खुदाई नहीं हुई

वर्ष 1989 में पुरातत्व विभाग ने टांगीनाथ धाम के रहस्य से पर्दा हटाने के लिए अध्ययन किया था. यहां जमीन की खुदाई की गयी थी. उस समय भारी मात्रा में सोना व चांदी के आभूषण सहित कई बहुमूल्य समान मिले थे. लेकिन कतिपय कारणों से खुदाई पर रोक लगा दिया गया. इसके बाद टांगीनाथ धाम के पुरातात्विक धरोहर को खंगालने के लिए किसी ने पहल नहीं की. ऐसे खुदाई में जो बहुमूल्य सामग्री मिले थे. उसे अभी भी डुमरी थाना के मालखाना में रखा गया है.

Undefined
Jharkhand tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति 9
टांगीनाथ धाम में क्या देंखे

टांगीनाथ धाम में यत्र-तत्र सैंकड़ों की संख्या में शिवलिंग है. यह मंदिर शाश्वत है. स्वयं विश्वकर्मा भगवान ने टांगीनाथ धाम की रचना किये थे. यहां की बनावट, शिवलिंग व अन्य स्रोतों को देखने से स्पष्ट होता है, कि इस आम आदमी नहीं बना सकता है. त्रिशूल आज भी साक्षात है. त्रिशूल जमीन के नीचे कितना गड़ा है. यह कोई नहीं जानता है. जमीन के ऊपर स्थित त्रिशूल के अग्र भाग में कभी जंग नहीं लगता है. इसके अलावा यहां कई प्राचीन धरोहर हैं. जो बरबस हमें इतिहास में ले जाता है. आसपास का माहौल खुशनुमा है. यहां झरना से पानी गिरता है, जो स्वच्छ है. यहां नहाने से कई रोगों से मुक्ति भी मिलती है.

Also Read: Jharkhand Tourism: घूमने-फिरने के लिए सुंदर जगह है आंजनधाम, यहां की हसीन वादियां करती हैं रोमांचित
Undefined
Jharkhand tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति 10
कैसे जाएं और कहां ठहरें

यहां तक जाने के लिए सुगम सड़क है. नदी में पुल बन गया है. ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके लिए सैलानियों को गुमला में ठहरना होगा. यहां जाने के लिए गुमला से सुबह छह बजे, निकले तो सुबह आठ बजे तक पहुंच जायेंगे. पानी की समुचित व्यवस्था है. यहां शाम चार बजे तक रूका जा सकता है. उसके बाद समय का ख्याल रखते हुए वापस लौट जाये.

Undefined
Jharkhand tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति 11
टांगीनाथ धाम की दूरी

– डुमरी प्रखंड से 10 किमी

– गुमला शहर से 75 किमी

– सिमेडगा से 160 किमी

– लोहरदगा से 125 किमी

– रांची से 175 किमी दूर है

Undefined
Jharkhand tourism: नये साल में प्राचीन धरोहर को देखना है तो गुमला का टांगीनाथ धाम आइए, मिलेगी मन की शांति 12
परेशानी हो, तो फोन करें

डुमरी थाना : 9431706209

प्रभात खबर : 7004243637


रिपोर्ट : जगरनाथ, गुमला.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें