दुर्जय पासवान, गुमला
चैनपुर अनुमंडल मुख्यालय में खपड़ैल मकान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. भवन जर्जर हो गया है. यह भवन कभी भी ध्वस्त होकर गिर सकता है. यहां डॉक्टर व नर्स की भी कमी है. तीन ब्लॉक चैनपुर, जारी व डुमरी के अनुमंडल अस्पताल में मात्र छह बेड है. इसी छह बेड के अस्पताल में हर तरह के मरीज रखे जाते हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने पर जमीन पर लिटाकर इलाज किया जाता है.
अस्पताल की इस समस्या को देखते हुए गुमला के झामुमो विधायक भूषण तिर्की ने विधानसभा सत्र के शून्यकाल के दौरान चैनपुर अनुमंडल मुख्यालय में 50 बेड का अस्पताल बनाने की मांग की है. विधायक ने सरकार से मांग की है कि चैनपुर अस्पताल की स्थिति दयनीय है. जिससे यहां मरीजों का ठीक ढंग से इलाज नहीं हो पाता और मरीजों को गुमला या तो रांची रेफर करना पड़ता है. कई बार तो इलाज के आभाव में मरीज दम भी तोड़ देते हैं.
विधायक ने प्रभात खबर को बताया कि विधायक बनने के बाद चैनपुर अनुमंडल की जनता ने अस्पताल की समस्या से मुझे अवगत कराया था. मैंने अस्पताल की स्थिति की जानकारी ली थी. स्वास्थ्य विभाग से मुझे जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार इतने बड़े क्षेत्र में मात्र छह बेड का अस्पताल है. पूरे अनुमंडल में लाखों की आबादी है.
विधायक ने बताया कि चैनपुर अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद सात में मात्र तीन कार्यरत हैं. वहीं एएनएम के 23 में से मात्र नौ कार्यरत हैं. इसी प्रकार अन्य पदों पर भी कर्मचारी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि छह बेड में ही घायल, बीमार, प्रसवधातृ महिला सहित सभी प्रकार के मरीजों को रखा जाता है. अगर मरीज की संख्या बढ़ जाये तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है. जबकि चैनपुर से गुमला की दूरी 55 किमी व रांची की दूरी डेढ़ सौ किमी है. ऐसे में मरीजों को परेशानी होती है.