पालकोट के नाथपुर पंचायत के ग्रामीणों ने नेताओं के प्रवेश पर पर लगायी रोक, नाराजगी के पीछे की ये है वजह
गांव की महिला सरिता मिंज ने बताया कि हमारे तिलईडीह गांव की मुख्य सड़क बनाने के लिए जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी. लेकिन हमारी समस्या का निराकरण नहीं हुआ
पालकोट प्रखंड की नाथपुर पंचायत के तिलईडीह गांव आजादी के 75 वर्ष बीतने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. सड़क गांव की प्रमुख समस्या है. ग्रामीणों ने फरमान जारी किया है कि वोट मांगने कोई नेता गांव में नहीं घुसेंगे. लोकसभा व विधानसभा चुनाव तक नेताओं के गांव में घुसने पर रोक है. ग्रामीणों ने कहा है कि इस बार वोट का बहिष्कार रहेगा. अगर प्रशासन व नेताओं को वोट कराना है, तो हमारे गांव की सड़क बनायें. ग्रामीणों ने शुक्रवार को श्रमदान कर खराब सड़क को चलने लायक बनाया. ग्रामीणों ने कच्ची सड़क को पक्कीकरण करने की मांग की है.
तिलईडीह गांव की मुख्य समस्या सड़क
गांव की महिला सरिता मिंज ने बताया कि हमारे तिलईडीह गांव की मुख्य सड़क बनाने के लिए जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी. लेकिन हमारी समस्या का निराकरण नहीं हुआ. इसलिए ग्रामीणों ने निर्णय लिया है. पहले रोड बनायें, तब वोट देंगे. फगनी उरांव ने कहा कि हमारे गांव में एक से बढ़ कर नेता व समाजसेवी आते हैं. सभी का एक ही उत्तर मिलता है कि आपके गांव की मुख्य पथ को इस बार सुधार कर देंगे.
लेकिन सड़क अब तक नहीं बनी. नि:शक्त दुखा टोप्पो ने बताया कि हमारे गांव में एक वर्ष पूर्व विधायक भूषण बाड़ा का आगमन हुआ था. उन्होंने कहा था कि मैं आपके गांव आया हूं. इस साल आपके गांव की मुख्य पथ को अपने स्तर से जरूर बनवा दूंगा. लेकिन विधायक के बोलने के एक वर्ष बीतने के बाद भी सड़क नहीं बनी. युवा जोर्ज एक्का ने बताया कि मेरी उम्र 30 साल हो गयी. मैं इस रास्ते से पालकोट पढ़ाई करने जाता था. आज गांव में हूं. लेकिन आज तक हमारे गांव का मुख्य पथ जो प्रखंड कार्यालय, जिला मुख्यालय के अलावा अन्य जगहों जाने का एकमात्र रास्ता है. लेकिन किसी को हमारे गांव से मतलब नहीं है. इसलिए हमने ठाना है कि इस बार वोट नहीं देंगे.