Jharkhand Weather News: बेमौसम बारिश के बाद बढ़ने लगी ठंड, किसानों के लिए है अच्छा समय, ऐसे करें खेती

बेमौसम बारिश के बाद अब धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है. गुमला जिले में भी इसका असर देखा जा रहा है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला ने जिले के किसानों को इस मौसम में सब्जियों सहित कई अन्य की खेती करने की सलाह दी है. उन्होंने किसानों को खेती के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2021 7:22 PM

Jharkhand Weather News (जगरनाथ, गुमला) : बेमौसम बारिश के बाद झारखंड के गुमला में भी धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है. कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार, 17 नवंबर से ठंड बढ़ेगी. मंगलवार को न्यूनतम तापमाप 17 डिग्री सेल्सियस था, लेकिन 17 नवंबर को दो डिग्री तापमान घटकर न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस होगा. सुबह को कोहरा रहेगा. वहीं, घने बादल छाये रहेंगे. हवा की गति 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगा. इस मौसम में किसानों को खेती-बारी में काफी सहूलियत मिलेगी. इस समय किसान सब्जी के अलावा गेहूं, आलू व सरसों की अच्छी खेती कर सकते हैं.

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बारिश के थमने व गिरते तापमान में किसानों को खेती- बारी में कई प्रकार की सावधानी बरतनी है. पहले से लगाये गये सब्जियों की निकाई व गुड़ाई करना जरूरी है. आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करना है, क्योंकि बारिश रूकने के बाद अभी भी खेत की नमी बनी हुई है. वहीं, विभिन्न सब्जियों के बिचड़े की बोवाई मुख्य खेत में करने की सलाह कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला द्वारा दी गयी है.

कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला के वरीय वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि जो किसान गेहूं की खेती करना चाहते हैं. वो अनुशंसित बीज व उर्वरक का प्रबंध कर बोवाई शुरू कर दें. किसान अपनी मनपसंद के अनुसार, गेहूं के किस्म का चुनाव कर सकते हैं. सरसों की खेती के संबंध में श्री पांडे ने बताया कि जो किसान सरसों की खेती करना चाहते हैं. वो खेत की तैयार करें. सरसों की बोवाई कर दें. सरसों की अनुशंसित किस्म शिवानी, पूसा बोल्ड, पूसा मस्टर्ड आदि में से किसी एक किस्म का चुनाव कर सकते हैं.

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श्री पांडेय ने कहा कि सरसों की खेती के लिए एक एकड़ में बोवाई के लिए तीन किलोग्राम बीज, 70 किलो यूरिया, 130 किलो सिंगल सुपर फास्फेट एवं 25 किलोग्राम मयूरीएट ऑफ पोटाश की आवश्यकता होगी. बीज को 30 सेंटीमीटर कतार से कतार व 10 सेंटीमीटर की दूरी पर ही लगाये. साथ ही कहा कि जो किसान आलू की खेती करना चाहते हैं. वो उत्तम किस्म का बीज, उर्वरक आदि का प्रबंध करें. आलू की आगत अनुशंसित किस्म कुफरी, अशोका या पुखराज में से किसी एक किस्म का चुनाव करें. एक एकड़ खेत में 12 क्विंटल बीज की जरूरत होगी.

कामडारा में बारिश से भींगे धान में अंकुर फूटा, किसान चिंतित

इधर, कामडारा प्रखंड क्षेत्र के बोंगदा गांव में बारिश के कारण खेतों से काटकर रखे गये धान की फसलों पर अंकुर फूट जाने से किसान काफी चिंतित हैं. जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में दो दिन पूर्व लगातार हुई बारिश के दौरान कुछ किसान खेतों पर काटकर रखी धान की फसलों को सुरक्षित अपने घर तक नहीं ला सके और पानी में पूरी तरह से भींग जाने के बाद धान की बालियों में अंकुर फूट गया. किसान बृज सिंह, सुधीर नाग, बालचंद साहू, चंद्रनाथ चीक बड़ाइक, लोकनाथ सिंह, बसंत तोपनो और सनिका टोपनो ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

Posted By : Samir Ranjan.

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