गुमला, जगरनाथ पासवान: मौसम खराब होने से गेहूं, सरसों, फल, सब्जियों व दलहनी फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गयी है. अभी दो-तीन दिन तक मौसम खराब रहने की संभावना है. इस दौरान बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है. इसको देख प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. चूंकि गुमला जिला मध्य झारखंड में अवस्थित है. गुमला में बारिश व ओलावृष्टि होने की संभावना है.
ओलावृष्टि होने की स्थिति में गेहूं, सरसों, विभिन्न प्रकार की फल व सब्जियों व दलहनी फसल खराब हो सकती है, जिससे न केवल उक्त फसलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा, बल्कि किसानों को भी सीधे तौर पर नुकसान होगा. समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग ने ओलावृष्टि के कारण फसल पर पड़ने वाले संभावित असर और उससे बचाव के बारे में जानकारी दी है.
इसमें ओलावृष्टि होने की स्थिति में गेहूं के दाने देर से पकेंगे और यदि तेज ओलावृष्टि होती है, तो खड़ी फसल गिर सकती है. यदि खेत में फसल तैयार हो गयी है, तो उसकी कटाई कर सुरक्षित व सूखे स्थान पर रख कर बचाव कर सकते हैं. सरसों की बात करें, तो जलभराव के कारण फसल झुक जायेगी. उसका जड़ समुचित रूप से वृद्धि नहीं कर पायेगा.
पौधे के तने में सड़न व अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसी बीमारियां हो सकती हैं. साथ ही उसका फल भी गिर जायेगा. सरसों की तैयार फसल यदि पीली व भूरी भी हो गयी हो, तो कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रख सकते हैं. ओलावृष्टि व बारिश होने से सब्जियां सड़ने लगेगी. सबसे अधिक प्रभाव टमाटर पर पड़ेगा.
पौधे व पेड़ों में तैयार फल भी चटकने लगेगी. इसलिए खड़ी फसल के रोग के प्रसार को कम करने के लिए पौधे के आसपास गिरे हुए फलों को हटा दें. उर्वरकों के साथ फसल में वानस्पतिक वृद्धि करने के लिए विकास नियामकों का छिड़काव करें. दलहनी फसलों की बात करें, तो ओलावृष्टि के कारण संभावना है कि दलहनी फसलों के फली का सही से विकास न हो पाये. क्योंकि फली विकास अवस्था के दौरान फसलों की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. साथ ही फफूंद रोग भी हो सकता है. इसके निदान के लिए खेत से जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें. यदि फसल तैयार हो गयी है, तो उसे काट कर सुरक्षित और सूखे स्थान पर रख दें. यदि संभव न हो तो कटाई के लिए कुछ दिनों तक प्रतीक्षा कर सकते हैं.
जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि अधिक बारिश व ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हो सकता है. इस संबंध में मौसम केंद्र रांची द्वारा झारखंड राज्य में कृषि क्षेत्र पर ओलावृष्टि का प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी किया गया है. यदि ऐसा होता है कि तो यह प्राकृतिक घटना है, जिसे कोई नहीं रोक सकता. परंतु इससे कुछ फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है. सबसे अधिक प्रभाव सूखे खेत वाली फसलों को हो सकता है. इसलिए खेत में नमी बनाये रखें. बारिश व ओलावृष्टि के साथ वज्रपात होने की संभावना है. वज्रपात से भी बच कर रहने की जरूरत है.