Jharkhand Weather News: बेमौसम बारिश ने किसानों की बढ़ायी परेशानी, खेतों में कटा धान पानी में डूबा, बढ़ेगी ठंड
पिछले दो दिनों से बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. झारखंड के गुमला जिला में दो दिनों में 8 मिमी बारिश हुई है. इससे जहां खेतों में काट कर रखा धान पानी में डूबा. वहीं, खलिहान में भी धान भींग रहा है. 15 नवंबर को 3 मिमी बारिश होने की संभावना है. इससे जिले में ठंड भी बढ़ेगी.
Jharkhand Weather Update News (जगरनाथ/जॉली, गुमला) : गुमला जिले में दो दिन में 8 मिलीमीटर बारिश हुई है. जिसमें शनिवार को 2 मिमी व रविवार को 6 मिमी बारिश हुई, जबकि 15 नवंबर को भी गुमला में बारिश होने की उम्मीद है. कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला के अनुसार राज्य स्थापना दिवस पर गुमला जिले में 3 मिलीमीटर बारिश होगी. वहीं, न्यूनतम तापमान भी गिरेगा और ठंड के आगोश में गुमला जकड़ेगा.
रविवार को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस था, लेकिन 15 नवंबर को एक डिग्री सेल्सियस तापमान गिरकर 17 डिग्री सेल्सियस तापमान होगा. कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला के वरीय वैज्ञानिक डॉक्टर संजय कुमार पांडेय ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक आकाश में हल्के घने बादल छाये रहेंगे. हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है. दिन का तापमान 27 से 28 डिग्री सेल्सियस रहेगा, जबकि रात का तापमान 15 से 18 डिग्री सेल्सियस रहेगा. आपेक्षिक आर्द्रता (Relative Humidity) 92 से 71 प्रतिशत रहेगा. साथ ही औसतन 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.
वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार ने कहा कि खरीफ की जो फसल पक कर तैयार हो रही है. उसकी कटाई कर सुरक्षित जगह पर रखें. किसान विभिन्न रबी फसल की खेती करना चाहते हैं, तो वे खेत की तैयारी कर बोआई करें. एक से दो सिंचाई की सुविधा उपलब्ध रहने पर लोटनी व असीमित सुविधा रहने पर विभिन्न सब्जियों, आलू या हरा मटर की खेती करें. किसान पैरा रिले फसल पद्धति द्वारा विभिन्न रबी फसल की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उपयुक्त खेत का चुनाव कर लें. इसके लिए मध्यम जमीन वाली खेत सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. इन फसलों की बोआई के लिए बीज दर सामान्य खेती से डेढ़ गुना अधिक रहनी खहिए. खेत खर-पतवार से मुक्त होनी चाहिए.
Also Read: Jharkhand Foundation Day 2021: गुमला में कई सपनें अभी भी हैं अधूरे, बदलाव की उम्मीदों में जी रहे लोग बिशुनपुर इलाके में सबसे ज्यादा ठंड रहेगीबारिश के बाद तापमान गिरने से सबसे ज्यादा पठारी इलाका में पड़ेगा. इसमें बिशुनपुर प्रखंड में ठंड का असर ज्यादा दिखेगा. चूंकि यह इलाका नेतरहाठ की तराई में आता है. इस कारण हर ठंड के मौसम में इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है.
बारिश से सैकड़ों क्विंटल भींगा धान, धान में अंकुरण होने का डरघाघरा प्रखंड में तीन दिनों से बारिश है. बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी. घाघरा प्रखंड क्षेत्र के सभी गांव के किसान बारिश की मार झेल रहे हैं. कई किसान अपने धान को खेत में काटकर बारिश थमने की आशा देख रहे हैं, तो कई किसान अपने खलिहान में धान गांज लगा चुके हैं. घाघरा प्रखंड के देवाकी गांव में बड़ा बगीचा पर करीब 100 गांज गंजे हैं, जो पानी के कारण धीरे- धीरे बर्बाद हो रहा है. यदि बारिश नहीं थमती है और धूप नहीं उगता है तो, किसानों की मेहनत व पूंजी बेकार चला जायेगा और किसानों के बीच में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
अंतिम समय में बारिश की कहर ने किसानों की कमर तोड़ दिया. किसानों के पास इतना व्यवस्था भी नहीं है कि वह अपने गांज को ढक कर बारिश से बचा सके. बगीचा में करीब 25 किसानों ने अपने धान को मिसने के लिए इकट्ठा किया है. किसानों की यह चिंता सता रही है कि यदि जल्द मौसम में सुधार नहीं हुआ तो, धान में अंकुरण हो जायेगा और पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा.
Also Read: Jharkhand News : झारखंड में बेमौसम बारिश से इन फसलों को होगा नुकसान, इन फसलों के लिए अमृत हैं बारिश की बूंदेंकिसान मुंगेश्वर उरांव, प्रवीण उरांव, नागो उरांव व राहुल उरांव ने कहा है कि धान में अंकुरण तो होगा ही. बाकी बचे धान भी काला हो जायेगा और व्यापारी ऐसे धान को नहीं खरीदेंगे. सभी किसानों ने प्रखंड प्रशासन से क्षतिपूर्ति की गुहार लगाया है. इस संबंध में बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने कहा कि बारिश में लोगों के फसल नुकसान की खबर आ रही है. आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी सूचना दे दिया गया है. जितने भी किसान का नुकसान हुआ है वह आवेदन प्रखंड कार्यालय में जमा करें जांचो उपरांत जो, भी नियम संगत मुआवजा होगा दिया जायेगा.
किसानों की पुकार, हे ईश्वर, मदद करेंपालकोट प्रखंड के किसान बारिश से संकट में हैं. किसानों का लगाया गया फसल बर्बाद हो रहा है. कंसारी टोली निवासी केश्वर साहू के तीन एकड़ खेत व टेंगरिया पंचायत के किसान अघनू साहू के दो एकड़ खेत में धान की फसल की खेती बारिश के कारण पूरी तरह से भींग गया है. खेत में पानी भर गया है. जिस कारण खेत से किसान धान को नहीं निकाल पा रहे हैं.
डुमरी : बारिश से किसानों का चिंता बढ़ीडुमरी प्रखंड में दो दिनों से बारिश है. किसान वर्ग बारिश से परेशान हैं. किसानों का कहना है कि पके धान फसल के खेतों में पानी भर गया. जिस कारण सभी धान भींग गया है.
कामडारा : खेत से धान नहीं निकाल पा रहे किसान
कामडारा प्रखंड में बीते दो दिनों से हो रही बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोग घरों में दुबके हुए हैं. दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी बढ़ गयी है. किसान कृष्णा साहू, रविंद्र ओहदार, रामाकांत साहू ने कहा बेमौसम बारिश से धान, मड़ुवा, उरद, आलू में झुलसा लगने से फसल खराब हो सकता है. धान कटनी कर खेतों में पड़ा हुआ है. खेतों में पानी जमा हो गया है. खेत से धान निकालने में भी परेशानी हो रही है.
Also Read: Jharkhand News : झारखंड में गंगा नदी का रौद्र रूप, साहिबगंज का ये मोहल्ला गंगा में समा जायेगा ! दहशत में लोग बारिश से घर ध्वस्त, खेत में धान भींग रहेदो दिन से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. लोग घरों में दुबके है. किसानो के तैयार फसल धान, मड़ुवा, जटंगी, खेत में लगे आलू, मटर व सब्जी की फसल को नुकसान हो रहा है. किसान चिंतित हैं. वहीं सकरौली गांव निवासी अजय साहू का कच्चा मकान बारिश से शनिवार को ध्वस्त हो गया. अजय साहू ने बताया कि शनिवार को करीब चार बजे सभी लोग घर में थे. इसी दौरान अचानक घर गिरने लगा. परिवार के लोग बाहर भाग कर अपनी जान बचाये. घर ध्वस्त होने से घर में रखा धान व चावल सहित कपड़ा दब गया. बाकी बचे घर के दीवार में बड़ी बड़ी दरार पड़ गयी है. उन्होंने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगायी है.
Posted By : Samir Ranjan.