झारखंड के हवलदार रामरतन महतो ने कारगिल की लड़ाई में खायी थीं कई गोलियां, लेकिन 29 दुश्मनों को कर दिया था ढेर

Kargil Vijay Diwas 2021, रांची न्यूज (अजय दयाल) : राष्ट्रपति पुरस्कार (President's Award) से सम्मानित हवलदार रामरतन महतो ने कारगिल दिवस पर युद्ध के समय के अपने अनुभवों को साझा किया. रामरतन बताते हैं कि 22 जून को उन्हें कारगिल की लड़ाई लड़ने का मौका मिला. उन्होंने 29 दुश्मनों को मार गिराया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2021 11:03 AM
an image

Kargil Vijay Diwas 2021, रांची न्यूज (अजय दयाल) : राष्ट्रपति पुरस्कार (President’s Award) से सम्मानित हवलदार रामरतन महतो ने कारगिल दिवस पर युद्ध के समय के अपने अनुभवों को साझा किया. रामरतन बताते हैं कि 22 जून को उन्हें कारगिल की लड़ाई लड़ने का मौका मिला. उन्होंने 29 दुश्मनों को मार गिराया था.

रामरतन बताते हैं कि विरोधी सेना गोले बरसा रही थी, लेकिन उनका निशाना सटीक नहीं बैठ रहा था. अचानक उन्हें लगा कि अब दुश्मन सामने से हमला करनेवाला है. उन्होंने एलएमजी से फायरिंग शुरू की और 29 दुश्मनों को मार गिराया. तीन मैगजीन खाली कर दी थी.

Also Read: झारखंड सरकार गिराने के मामले में गिरफ्तार आरोपी का खुलासा- तीन विधायकों को करोड़ों रूपये देने की हुई थी बात

अगले दिन जब वह पोस्ट पर थे, तो दुश्मनों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया. पेट की अंतड़ी बाहर निकल गयी थी. पैर भी टूट गया था. फिर भी उसी हालत में उन्होंने तीन किमी जीप चलायी और इलाज कराने बैरक में पहुंचे. प्राथमिक उपचार के बाद हेलीकॉप्टर से श्रीनगर भेज दिया गया. ऑपरेशन कर सब ठीक कर दिया गया. पैर में रॉड लगा हुआ है. रामरतन महतो सिमडेगा के रहनेवाले हैं.

Also Read: झारखंड के सरकारी संस्कृत विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं, लेकिन मध्यमा का परीक्षा परिणाम 99 प्रतिशत

रामरतन ने कहा कि तीन मैगजीन खाली होने पर जीओसी विक्रम सिंह उनसे बोले कि बिना ऑर्डर के तुमने फायरिंग की है, तेरा कोर्ट मार्शल हो जायेगा. तब उन्होंने कहा कि साहब देखो कि हमने कितने दुश्मनों को मार गिराया है.

Also Read: झारखंड में गोवंशीय पशुओं से लदे ट्रक से वसूली करते पुलिसकर्मी का वीडियो VIRAL

इस पर जीओसी ने जाकर देखा कि काफी दुश्मन मरे पड़े हैं. खुश होकर वह उन्हें कंधे पर उठाकर झूमने लगे. रामरतन ने कहा कि जीओसी विक्रम सिंह ने उनका निक नेम मूर्ख रख दिया था. जीओसी का कहना था कि रामरतन किसी की बात नहीं सुनते हैं और दुश्मनों पर टूट पड़ते हैं.

Also Read: झारखंड में फर्जी IAS बन कर रह रही थी MP की मोनिका, राज खुला, तो पहुंची हवालात

Posted By : Guru Swarup Mishra

Exit mobile version