रांची/देवघर/हजारीबाग/बोकारो/गुमला: प्रकृति पर्व करमा सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. बहनें अपने भाई के लिए दिनभर व्रत रखकर करम देव की पूजा-अर्चना करेंगी तथा अपने भाई की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी. इस दौरान बहनें पूजा के दौरान करम-धरम की कथा का श्रवण करेंगी. पूजा के बाद रात में नृत्य-संगीत का दौर चलेगा. मंगलवार की सुबह में करम देव का विधिवत विसर्जन किया जायेगा. आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण दो साल तक सादे समारोह में करमा पूजा मनाया गया. महिलाएं बताती हैं कि करमा पूजा एकता और भाइचारा के साथ जीवन जीने की सीख देता है. करम-धरम की कथा में सामूहिकता का पाठ विद्यामान है. सभी वर्गों को मिलजुल कर अपनी-अपनी तरक्की का संदेश देता है. झारखंड में करम पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. रांची विश्वविद्यालय के रांची वीमेंस कॉलेज में करमा पर्व की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में साइंस ब्लॉक एवं आर्ट्स ब्लॉक की शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुईं. हजारीबाग के चरही में झूमर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, वहीं गुमला के सिसई में केंद्रीय सरना समिति ने रविवार को थाना चौक स्थित सरना स्थल में करमा पूर्व संध्या कार्यक्रम आयोजित किया.
बहन-भाई के पवित्र रिश्ते का पर्व है करम
नामकुम, राजेश वर्मा: करमटांड़ बरगावां में करमा पूर्व संध्या समारोह आयोजित किया गया. पाहनों द्वारा करम पेड़ की पूजा की गई. मुख्य अतिथि खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि करमा भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है. बहनें अपने भाई की सुख समृद्धि एवं उसके लंबी आयु के लिए पूजा करती हैं. हमारे राज्य के पर्व त्यौहार हमें जल जंगल जमीन से जुड़े रहने का संदेश देते हैं. विधायक ने करमाटांड़ में विधायक मद चबूतरा निर्माण का शिलान्यास किया. उन्होंने क्षेत्र के पाहनों, धर्म अगूवा एवं महिलाओं को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. मांदर की थाप पर सभी ने पारंपरिक नृत्य किया. मौके पर विभिन्न पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे.
रांची वीमेंस कॉलेज में करमा पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
रांची: रांची विश्वविद्यालय अंतर्गत रांची वीमेंस कॉलेज में करमा पर्व की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में साइंस ब्लॉक एवं आर्ट्स ब्लॉक की शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुईं. यह कार्यक्रम जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के द्वारा आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ सुषमा दास गुरु, डॉ लिल्ली बनर्जी, डॉ पुष्पा सिंह, डॉ नन्दा बनर्जी, डॉ सीमा प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मांदर की थाप पर छात्र-छात्राएं भादो कर एकादशी करम गड़ाय रे.., करम-करम कहले संवारों.., आइजे तो आले करम..आदि नागपुरी गीत पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इस मौके पर विभागाध्यक्ष करमी माझी, डॉ विजय सिंह गागराई, डॉ सविता मुंडा, डॉ मंजुला कुमारी, डॉ रितु घासी, कंचन वर्णवाल, शैलजाबला बरवार, जयंती कुमारी, रीता कुमारी, डॉ इंदिरा बिरूवा, सोनी कुमारी, डॉ सिलमनी बढ़ायऊद के साथ कॉलेज की छात्राएं मौजूद थीं.
करमा पूजा पर झूमर प्रतियोगिता
चरही(हज़ारीबाग़) आनंद सोरेन: हज़ारीबाग़ जिले के चुरचू प्रखण्ड के चरही के उंटमरवा ( कस्तूरबा नगर ) में रविवार को करमा पूजा(Karma Puja) के अवसर पर एक दिवसीय झूमर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसका संचालन मुजफ्फर हुसैन ने किया, जबकि बतौर मुख्यातिथि राज्य समन्वय समिति के सदस्य सह दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा, विशिष्ट अतिथि जिला संजोजक नीलकंठ महतो, केंद्रीय सदस्य रामकिशोर मुर्मू, बीस सूत्री अध्यक्ष बालकुमार महतो, रितलाल हंसदा थे. कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं ने नृत्य गान कर अतिथियों का स्वागत किया. झूमर प्रतियोगिता में शामिल चार टीमों पीपरा डीह, हेंदे गढ़ा, छोटका बासाडीह और कस्तूरबा नगर के प्रतिभागियों को भी माला पहनाकर स्वागत किया गया. झारखंड आंदोलनकारियों को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि फागु बेसरा ने कहा कि करमा पूजा भाई-बहन के प्रतीक का पर्व है. इस पर्व में बहन अपने भाइयों के कलाइयों खजूर के पतों से बने राखी रक्षा सूत्र के रूप में बांधती हैं और रक्षा की कामना करती हैं. मौके पर नीलकंठ महतो, रामकिशोर मुर्मू, रामचरण करमाली, वीरेंद्र पासवान, आंनद मरांडी, गुड्डू महतो, राजू ठाकु, रोहन ठाकुर, नरेश ठाकुर, मोहन ठाकुर, शिवा, रीतलाल हंसदा यादव, छोटन सिंह, दिलीप सिंह, राजू करमाली, महेश ठाकुर सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
विशाल करम जावा नाच यात्रा में थिरके हर कदम
बोकारो: वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच की ओर से रविवार को‘ डहरे करम बेड़हा, चाला करम नाचब माझ सहर’ कार्यक्रम के तहत चास आइटीआइ मोड़ से निकली विशाल करम जावा नाच यात्रा नया मोड़ बिरसा चौक पहुंच कर करम आखड़ा में तब्दील हो गयी. इसमें लगभग पंद्रह से बीस हजार की संख्या में पुरुष, महिलाएं व युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में मांदर की थाप पर करम गीतों की धुन पर थिरकते आगे बढ़ रहे थे. स्थानीय कलाकारों ने झूमर प्रस्तुत कर समा बांध दिया.
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प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है करम पर्व
सिसई: केंद्रीय सरना समिति ने रविवार को थाना चौक स्थित सरना स्थल में करमा पूर्व संध्या कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम में प्रखंड के विभिन्न गांवों के 55 खोड़हा दल पारंपरिक वेश-भूषा में शामिल होकर ढोल-नगाड़े की थाप पर नाचे. मुख्य अतिथि विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने कहा कि करमा पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. यह पर्व समाज को जोड़ने, आपसी भाईचारा बढ़ाने व आपस में मिल कर खुशियां बांटने के लिए होता है. उन्होंने पर्व को सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने व लोगों को नशापान से दूर रहने की अपील की. मौके पर बीडीओ रमेश कुमार यादव, प्रकाश उरांव, मुखिया सुनीता देवी, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष महादेव उरांव, सचिव रोपना उरांव, जगदेव उरांव, कैप्टन लोहरा उरांव, धुमा उरांव, साधो उरांव, सच्चिदानंद उरांव, धनेश्वर उरांव, रामनिवास उरांव, सुरेंद्र भगत, सोमेश उरांव, मंजू भगत, सुखदेव उरांव आदि मौजूद थे.