केओ कॉलेज गुमला में छात्रों का उग्र आंदोलन, सड़क जाम कर प्राचार्य को किया कमरे में बंद
कार्तिक उरांव महाविद्यालय गुमला में इंटर की पढ़ाई नहीं होने से छात्रों में आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रों ने कॉलेज के मुख्य गेट में तालाबंदी कर सड़क जाम कर दिया है. इसके साथ ही प्राचार्य को कमरे में बंद कर दिया है.
गुमला, दुर्जय पासवान : इंटरमीडिएट की पढ़ाई चालू करने की मांग को लेकर केओ कॉलेज गुमला में छात्रों ने उग्र आंदोलन किया. कॉलेज के मुख्य गेट में तालाबंदी कर सड़क जाम कर दिया है. इसके साथ ही प्राचार्य को कमरे में बंद कर दिया है. कॉलेज प्रशासन अपने जिद्द पर अड़ा हुआ है. कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बन्द कर दिया है. जिससे हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर है. गुमला के दूसरे कॉलेजों में छात्रों का नामांकन नहीं हो रहा है.
इंटर की पढ़ाई नहीं होने से छात्रों में आक्रोश
बता दें कि कार्तिक उरांव महाविद्यालय गुमला में इंटर की पढ़ाई नहीं होने से छात्रों में आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को जिले के सभी छात्र संगठनों के छात्र नेताओं ने बैठक कर संयुक्त रूप से इस लड़ाई में भाग लेने का निर्णय लिया था. छात्र नेताओं का कहना है कि कॉलेज प्रशासन की मनमानी व हठधर्मिता से कॉलेज में इंटर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है, जबकि रांची विवि के अधिकांश अंगीभूत कॉलेजों में इंटर में नामांकन प्रक्रिया समाप्त होनेवाली है. कॉलेज के रवैये से जिले के गरीब छात्रों का भविष्य अंधेरे में जाता नजर आ रहा है. इंटर की पढ़ाई को शुरू कराने के लिए अब निर्णायक लड़ाई लड़ी जायेगी. सभी छात्र संगठन के छात्र नेताओं ने निर्णय लिया था कि 27 तारीख से कॉलेज में अनिश्चितकालीन तालाबंदी की जायेगी. जब तक कॉलेज प्रशासन आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं करती है कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रखी जायेगी. तब तक तालाबंदी जारी रहेगी. मौके पर रोहित भगत, कुणाल शर्मा, देवेंद्र लाल उरांव, शानू कुमार, सुबोध उरांव, सुशील तिर्की, शिव शंकर पाठक, राजू उरांव, भूषण उरांव, अनूप कुमार साहू, प्रकाश कुमार मौजूद थे.
पिछले साल भी किया गया था तालाबंदी
मालूम हो कि इससे पहले छात्रों ने पिछले साल 2022 में कॉलेज गेट को तालाबंदी और बाद में टावर चौक को जाम किया था. फिर इस वर्ष 18 जुलाई को आंदोलन किया. इसके बाद भी कॉलेज प्रशासन अपने हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है. पूर्व छात्र नेता देवेन्द्र लाल उरांव ने कहा कि कॉलेज प्रशासन की मनमानी के चलते इंटर की पढ़ाई बंद हुई है. यूजीसी का हवाला देना एक बहाना था. फंड की कमी का होना फंड का बन्दरबांट है. कार्तिक उरांव प्रबंधक कॉलेज को चलाने में सक्षम नहीं है.
छात्र नेता अनिल साहू ने कहा कि प्रशासन की निरंकुशता को तोड़ा जायेगा. हमारे गरीब छात्र निजी इंटर कॉलेजो में नहीं पढ़ सकते हैं. निजी संस्थानों में 15 से 20 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. साथ ही सारे संस्थानों में सीट भर चुकी है. इधर, कॉलेज में छात्रों का प्रदर्शन चालू है.