Loading election data...

वर्तमान पीढ़ी परंपरा व संस्कृति को जीवित रखें : विधायक

जिले के धूमधाम से मनाया करम पर्व, मांदर व नगाड़ा की थाप पर नाचे लोग

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2024 9:32 PM

गुमला

. जिले के सभी 12 प्रखंडों में करम पर्व धूमधाम से मनाया गया. करम डाल को आंगन में गाड़ कर पूजा की गयी. परंपरा आज भी जीवित है, इसका नजारा करम पर्व में दिखा. करम डाल की पूजा के बाद लोग पारंपरिक वेशभूषा में मांदर व नगाड़ा की थाप पर नाचे. इसके बाद रविवार की सुबह को करम डाल का विधि-विधान से नदी व तालाब में विसर्जन किया गया. मुख्य कार्यक्रम गुमला शहर के छात्रावास में हुआ. इसमें विधायक भूषण तिर्की, डीसी कर्ण सत्यार्थी, डीडीसी दिलकेश्वर महतो समेत कई अधिकारी शामिल हुए. मौके पर विधायक भूषण तिर्की ने कहा है कि पारंपरिक वेशभूषा में पूजा-अर्चना कर करम पर्व की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का संदेश दिया गया है. भाई-बहनों ने उत्साहपूर्वक करम डाल की पूजा की. पूजा के बाद पारंपरिक परिधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सहायता से नृत्य व संगीत की प्रस्तुति दी गयी. प्रकृति पर्व करम गुमला जिले में धूमधाम व पारंपरिक तरीके से मनाने की परंपरा रही है. यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम को दर्शाता है. इस दिन बहनें अपने भाईयों के सुख-समृद्धि व दीर्घायु होने की कामना करती है. इसके अलावा परंपरा के अनुसार धान को खेत में रोपने के बाद यह पर्व मनाया जाता है. इस प्रकार सरहुल में सखुआ फूल की पूजा की जाती है. उसी प्रकार करम में करम शाखा की पूजा की जाती है. करम डाल की पूजा इस दिन करम डाली (करम डाइर) की पूजा की जाती है. आदि परंपरा के अनुसार करम की डाली को रीति-रिवाज के साथ आदिवासियों के धार्मिक स्थल अखरा में लगाया जाता है. इसके बाद इसकी पूजा रात में की जाती है. करम पर्व में जावा का महत्व काफी होता है. विधायक ने कहा है कि वर्तमान पीढ़ी प्राचीन परंपरा, संस्कृति को जीवित रखें. मौके पर राजू उरांव, सुजीत उरांव, रामचंद्र उरांव, राकेश उरांव, छोटेलाल उरांव, छोटू उरांव, मुनेश्वर टोप्पो, रवि उरांव आदि मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version