सीखने की ललक बनाये रखें बच्चे : फादर अजीत
संत इग्नासियुस प्लस टू उवि में विज्ञान सह आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शनी का उदघाटन
गुमला.
संत इग्नासियुस प्लस टू उवि में विज्ञान सह आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शनी शुक्रवार को शुरू हुई. मुख्य अतिथि रांची यीशु समाज के प्रोविंशियल फादर अजीत कुमार खेस, विशिष्ट अतिथि संत इग्नासियुस गुमला के प्रबंधन कारिणी समिति के सचिव फादर जॉर्ज सोरेंग, घाघरा बीपीओ पुष्पा टोप्पो, फादर कुलदीप, फादर जयवंत सोरेंग व प्रधानाध्यापक फादर मनोहर खोया ने संयुक्त रूप से प्रदर्शनी का उदघाटन किया. फादर अजीत कुमार खेस ने कहा कि आप सभी बच्चे कक्षा के दौरान अपनी कक्षा में जो चीजे सीखी हैं. उसे आपने मॉडल के रूप में काफी बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया है. यह सीखने का एक उत्तम तरीका है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. मानव समाज ने अपनी आवश्यकता के अनुसार कई सारी चीजों का आविष्कार किया है, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी है. उन्होंने कहा है कि आप अपनी सीखने की ललक को बनाये रखें. आपकी ललक ही आपको बेहतर बनायेगी.वर्तमान समय विज्ञान व औद्योगिकी का : एचएम
प्रधानाध्यापक फादर मनोहर खोया ने बताया कि प्रदर्शनी में 178 से अधिक विज्ञान से संबंधित मॉडल व आर्ट एंड क्राफ्ट की प्रदर्शनी लगायी गयी है. छात्रों ने मॉडल के रूप में अपनी वैज्ञानिक सोच, रूचि, नवाचार, विचार व जागरूकता को प्रदर्शित किया है. मॉडल के रूप में छात्रों की प्रतिभा देखते बन रही है. उन्होंने कहा कि कई छात्रों ने कबाड़ से सामग्री का निर्माण किया है, जो अपने आप में आकर्षक है. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है, जो छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अच्छा है. हर वर्ष स्कूल में इस प्रकार का आयोजन होता है. क्योंकि वर्तमान समय विज्ञान व औद्योगिकी की दुनिया है. इससे छात्रों का ज्ञान बढ़ता है.
कबाड़ से बनायी गयी कई सामग्री : हीरालाल
प्रदर्शनी के संयोजक हीरालाल नाग ने कहा है कि कबाड़ से जुगाड़ मुख्य आकर्षक का केंद्र रहा. कबाड़ से जुगाड़ में घरों में जो बेकार की सामग्री हैं. उसका कैसे उपयोग करें. इसके बारे में जानकारी दी गयी है. इस कार्यक्रम का मकसद बच्चों की प्रतिभा को निखारना है. छात्र वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ें. छात्र जब अपनी प्रदर्शनी बनाते हैं और खुद उसका लाइव जानकारी किसी दूसरे छात्र को देते हैं, तो इससे ज्ञान की वृद्धि होती है.
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