जानिए, घाघरा प्रखंड के किसानों ने कैसे नदी का पानी रोक कर रहे हैं खेती

गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के देवाकी गांव के किसान ठुचई उरांव व राजेश साहू बेमौसम बारिश से एक- एक लाख रुपये खेती में हुए नुकसान के बाद भी हार नहीं मानते हुए बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं. गर्मी के महीने में नदी को बांध कर पानी रोका और उसी पानी से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2020 10:10 PM

गुमला : गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के देवाकी गांव के किसान ठुचई उरांव व राजेश साहू बेमौसम बारिश से एक- एक लाख रुपये खेती में हुए नुकसान के बाद भी हार नहीं मानते हुए बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं. गर्मी के महीने में नदी को बांध कर पानी रोका और उसी पानी से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. किस प्रकार किसान खेती-बारी से अपनी किस्मत संवारने में लगे हैं. पढ़ें घाघरा से अजीत कुमार की रिपोर्ट.

किसान ठुचई उरांव व राजेश साहू ने बताया सबसे पहले वे टमाटर की खेती किये थे. जोरदार बारिश के कारण सभी फसल बर्बाद हो गया. इसके बाद वह तरबूज की खेती किये. जैसे ही तरबूज बढ़ने लगा. अचानक से ओलावृष्टि ने सभी तरबूज को नष्ट कर दिया. इसके तुरंत बाद मिर्चे की खेती के लिए पौधा तैयार करने लगे. जैसे ही पौधा थोड़ा तैयार हुआ. फिर से जोरदार बारिश हुई और सभी पौधा बर्बाद हो गया.

Also Read: World Environment Day 2020 : गुमला के 5 किसानों की मेहनत लायी रंग, बेकार पड़ी 6 एकड़ जमीन पर छायी हरियाली

किसान खुद के पैसे से मशीन खरीद कर नदी के पानी को खेती के उपयोग में ला रहे हैं. अभी किसान मक्का, भिंडी, टमाटर, करेला, लौकी, झिंगी की खेती कर रहे हैं. किसानों का कहना है हमें इस खेती से नुकसान तो हुआ है. पर, हम हार नहीं मानेंगे.

किसानों का कहना है अगर प्रशासन की ओर से पाइप की व्यवस्था होती, तो हम और भी बड़े क्षेत्रफल में खेती करते. किसान पूरी गर्मी के मौसम में भी खेती करेंगे. अभी फूलगोभी व बादाम लगाने के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं.

किसान ने बताया हर दो दिन में बांधा हुआ नदी का पानी फूट जाता है. इसके बाद फिर से नदी को बांध कर पानी जमा कर हम सिंचाई कर रहे हैं. यदि इस जगह पर चेकडैम बन जाये, तो पानी की समस्या दूर हो जायेगी और सिर्फ हमारे नहीं, बल्कि इस जगह पर जितने भी खेत हैं सभी के खेतों में फसलें लहलहागी.

Posted By : Samir ranjan.

Next Article

Exit mobile version