Labour Day 2022: कभी झारखंड के होटल में थे वेटर, JPSC की परीक्षा पास कर अधिकारी बने विष्णुदेव कच्छप
Labour Day 2022: बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने बताया कि उनका घर पलामू जिले के चैनपुर थाना अंतर्गत जयनगरा गांव में है. घर की आर्थिक स्थिति खराब थी. ऐसी स्थिति में जमशेदपुर स्थित नीलकमल होटल में 10 वर्षों तक वेटर का काम किया. वेटर का काम करते हुए पढ़ाई जारी रखी.
Labour Day 2022: मजदूर दिवस पर यह कहानी प्रेरणा से भरी हुई है. होटल में काम करने वाला वेटर जेपीएससी की परीक्षा पास कर प्रशासनिक अधिकारी बन गया. हम बात कर रहे हैं बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) विष्णुदेव कच्छप की. श्री कच्छप वर्तमान में गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में बीडीओ हैं. इनमें काम करने का जुनून है. प्रशासनिक काम के प्रति ईमानदारी के अलावा गरीबों की मदद के लिए भी अक्सर आगे रहते हैं. गरीबों का कोई मुद्दा हो. वे उसे दूर करने में लग जाते हैं.
10 साल तक किया वेटर का काम
बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने बताया कि उनका घर पलामू जिले के चैनपुर थाना अंतर्गत जयनगरा गांव में है. गांव के स्कूल में ही पांचवीं तक की पढ़ाई की थी. जिसके बाद कक्षा 6-8 तक संत इग्नासियुस स्कूल चैनपुर, नौवीं व दसवीं संत जोसेफ स्कूल महुआडांड़ में पढ़ाई की. डाल्टेनगंज स्थित कॉलेज से ग्रेजुएशन व पीजी किया. घर की आर्थिक स्थिति खराब थी. प्रत्येक दिन कमाते तब घर का चूल्हा जल पाता था. ऐसी स्थिति में जमशेदपुर स्थित नीलकमल होटल में 10 वर्षों तक वेटर का काम किया. वेटर का काम करते हुए पढ़ाई जारी रखी.
कड़ी मेहनत का विकल्प नहीं
बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास था कि मुझे सफलता जरूर मिलेगी. मैंने कठिन परिस्थितियों में भी पढ़ाई नहीं छोड़ी. संघर्ष से गुजर रहे दौर में सुबह 6.00 बजे से लेकर आधी रात तक होटल में वेटर का काम करता था. जिसके बाद बचे समय में पढ़ाई और सिर्फ दो घंटे ही सो पाता था. बीडीओ ने युवाओं से आग्रह किया है कि कठिन परिस्थितियों में भी पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहिए. कठिन परिस्थिति ही आगे का रास्ता दिखाती है. ऐसे समय में धैर्य से काम लेते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है. युवा गलत रास्तों पर ना जायें. पढ़ाई में ऐसी ताकत है जो किसी में नहीं. पढ़ाई से हम हर वे चीज हासिल कर सकते हैं. जिसे हम चाहते हैं. बस लक्ष्य निर्धारण कर कठिन परिश्रम करते हुए किसी भी विषम परिस्थितियों में पीछे ना देखकर निरंतर आगे बढ़ते रहने की आवश्यकता है.
रिपोर्ट : जगरनाथ/अजीत साहू