Jharkhand news: गुमला सदर अस्पताल में 100 बेड है, लेकिन यहां हर दिन 250 मरीज भर्ती रहते हैं. अस्पताल में 150 बेड का वैकल्पिक व्यवस्था किया गया है. जहां किसी प्रकार मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाता है. मरीज की संख्या बढ़ने पर जमीन पर भी लिटाकर इलाज किया जाता है. ऊपर से यहां डॉक्टरों की भारी कमी है. जिले में 143 डॉक्टर्स की जरूरत है. लेकिन, मात्र 63 डॉक्टर्स ही कार्यरत हैं.
सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा की कमी
सदर अस्पताल में कई बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं हैं. सदर अस्पताल में 32 डॉक्टर्स की जरूरत है. जिसमें मात्र 15 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन, कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, न्यूरो फिजिशियन, MRI, सिटी स्कैन सहित ट्रॉमा सेंटर की कमी है. अगर यह व्यवस्था शुरू होती, तो मरीजों को रांची जाने की जरूरत नहीं पड़ती. जबकि गुमला आदिवासी बहुल जिला है. बगल में छत्तीसगढ़ एवं ओड़िशा राज्य सटता है. ऐसे में गुमला में दूसरे जिले के भी मरीज इलाज कराने आते हैं, लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधा की कमी है.
अस्पताल का सोलर सिस्टम छह साल से खराब
वर्तमान में नर्स की बहाली हुई है. लेकिन सदर अस्पताल, गुमला को एक भी नर्स को प्रतिनियुक्त नहीं किया गया है. जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है. सदर अस्पताल में मात्र 15 चिकित्सक हैं. जिसमें काफी संख्या में डिप्टेशन में हैं. अस्पताल का सोलर सिस्टम छह साल से खराब है. डीएस ने कई बार सीएस एवं डीसी को पत्राचार किया, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं होने के कारण वह जस की तस पड़ा हुआ है. ऐसे में व्यवस्था कैसे सुधरेगी.
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मरीजों को होती है परेशानी
अस्पताल के ब्लड बैंक में टेक्नीशियन की आवश्यकता है. मात्र तीन लैब टेक्नीशियन के सहारे ब्लड बैंक संचालित हो रहा है. ब्लड बैंक के ऊपर में ब्लड कोपोनेट भवन का निर्माण होना था. जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. जिसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अगर यह सारी सुविधा सदर अस्पताल में शुरू हो गयी, तो अस्पताल से मरीजों का रेफर करना बंद हो जायेगा. साथ ही यहीं पर उनका समुचित इलाज संभव है. जिससे मरीजों की जान भी बचेगी और उपरोक्त सुविधाओं का लाभ भी मरीज एवं मरीज के परिजनों को मिलेगा.
अस्पताल में एक तल्ला भवन और चाहिए : डॉ आनंद
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आनंद किशोर उरांव ने बताया कि सदर अस्पताल, गुमला में 100 बेड है, लेकिन वर्तमान में सदर अस्पताल गुमला में 250 मरीज वैकल्पिक व्यवस्था में एडमिट कर उनका इलाज कराया जा रहा है. इस निमित सदर अस्पताल में एक और तल्ले भवन का निर्माण अति आवश्यक है. कहा कि कई बार सीएस सहित वरीय अधिकारियों को पत्राचार किया है. लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है. जिसके कारण व्यवस्था लचर है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में मैन पावर की कमी है. मैन पावर में नर्स से लेकर सभी विभाग के कर्मी सहित चतुर्थवर्गीय कर्मी भी हैं.
प्रतिनियुक्ति से डॉक्टर हुए कम : डॉ मनोज सुरीन
डॉ मनोज सुरीन ने कहा कि वर्तमान में सावन माह के कारण सदर अस्पताल, गुमला से आधे से अधिक चिकित्सकों की प्रतिनियुक्त देवघर कर दी गयी है. जिसके कारण ओपीडी संचालन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में नर्सो की कमी है. जिसके कारण इलाज करने में काफी दिक्कत होती है.
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स्पेशलिस्ट फिजिशियन नहीं हैं : डॉ पीसी भगत
डॉ प्रेमचंद्र भगत ने कहा कि सदर अस्पताल, गुमला में स्पेशलिस्ट फिजिशियन का घोर अभाव है. यहां कोई भी स्पेशलिस्ट फिजिशियन नहीं है. जिसके कारण मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है. वहीं, अस्पताल में जनरल एनेस्थेसिया का मशीन नहीं है. जिससे ऑपरेशन में और भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. व्यवस्था जरूरी है.
स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होना जरूरी : विधायक
इस संबंध में गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि सदर अस्पताल, गुमला में डॉक्टरों की कमी है. इससे मैं वाकिफ हूं. कहा कि इस संबंध में सरकार से डॉक्टर एवं सुविधा की मांग की है. इसबार सीधे सीएम से मिलकर अस्पताल की समस्याओं को रखते हुए दूर करने की कोशिश की जाएगी. गुमला में स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होना जरूरी है.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.