गांव के गरीब, किसान व मजदूर के बच्चों के सपने को पूरा करने के लिए प्रशासन ने जिले के सभी 12 प्रखंड में पुस्तकालय खोल रहा है. इसकी पहली कड़ी में घाघरा प्रखंड में बुधवार से नये पुस्तकालय की शुरुआत हो गयी है. अभी और 11 प्रखंड में पुस्तकालय शुरू होना है. प्रखंड स्तरीय के अलावा अनुमंडल व जिला स्तरीय पुस्तकालय बन रहा है. प्रशासन का मकसद है.
वैसे बच्चे जो आर्थिक तंगी के अभाव में टयूशन या फिर प्रतियोगिता परीक्षा की पुस्तकें नहीं खरीद पाते. वैसे बच्चे पुस्तकालय में आकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर सकें. यहां बता दें कि पुस्तकालय खोलने की योजना अपर समाहर्ता सुधीर प्रसाद की थी. उन्होंने गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव से अपनी योजना साझा की. इसके बाद उपायुक्त की पहल से तेजी से जिले के सभी 12 प्रखंडों में पुस्तकालय का निर्माण हो रहा है.
यहां तक कि झारखंड राज्य का पहला 300 सीट का महिला पुस्तकालय का निर्माण गुमला शहर में हो रहा है. निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इसके अलावा जिला स्तरीय, अनुमंडल स्तरीय, प्रखंड एवं अनुमंडल स्तरीय 100 से अधिक पुस्तकालय का निर्माण होना है. जिले में 500 सीटों और 5000 पुस्तकों की क्षमता वाली बिरसा मुंडा लाइब्रेरी जिला स्तरीय पुस्तकालय का उद्घाटन भी जल्द किया जायेगा. पुस्तकालयों में हजारों की संख्या में पुस्तकें उपलब्ध होंगी.
किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने में विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. एसी सुधीर कुमार ने कहा कि उपायुक्त सुशांत गौरव की पहल पर पुस्तकालय का निर्माण किया जा रहा है. जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र के बच्चों को भी पढ़ाई के उत्तम श्रोत मिल सके एवं किसी भी प्रकार के प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बच्चों को जिले से बाहर जाने की जरूरत न पड़े. जिसके लिए जिले भर में पुस्तकालयों का निर्माण किया जा रहा है.
पुस्तकालय महान समाज सुधारक, शिक्षाविद और कवि सावित्रीबाई फुले के नाम पर रखते हुए महिलाओं को समर्पित किया जायेगा. इसके अलावा गुमला जिला प्रशासन पाठकों और प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए 12 ब्लॉक स्तर और 78 पंचायत स्तर के पुस्तकालयों का भी निर्माण करा रहा है. गुमला में महिलाओं के लिए जिला पुस्तकालय का प्रस्तावित मॉडल यहां पढ़ने और अन्य शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर मुख्य रूप से केंद्रित है.