हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
गुमला के किता गांव में वर्ष 2013 में डायन बिसाही के शक में महिला की हुई थी हत्या
गुमला.
गुमला के किता गांव में वर्ष 2013 में डायन-बिसाही के शक में वृद्ध महिला मरचो देवी हत्याकांड मामले में एडीजे वन प्रेम शंकर की अदालत ने फैसला सुनाया. न्यायालय ने मरचो देवी हत्या मामले में गांव के धरमू तुरी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी व 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है. इसके अलावा आइपीसी की धारा 147 के तहत एक साल की कारावास की सजा, धारा 148 के तहत दो साल की कठोर कारावास, डायन प्रथा निवारण अधिनियम की धारा चार के तहत छह माह साधारण कारावास की सजा सुनायी गयी. इस संबंध में मृतका के पुत्र सोमरा तुरी ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें कहा गया था कि चार नवंबर 2013 की रात आरोपियों द्वारा टांगी व बलुआ अपने हाथ में लेकर आये व मेरी मां मरचो देवी व मेरी पत्नी बसंती देवी को डायन बिसाही बोल कर मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. कुछ देर के बाद मेरी मां मरचो देवी की मौत हो गयी. इस दौरान मेरे द्वारा बीच-बचाव करने पर मुझे भी मारने के लिए दौड़ाया गया, परंतु मैंने भाग कर किसी प्रकार अपनी जान बचायी. उक्त मामले में आठ अप्रैल 2024 में दो अन्य अभियुक्तों करमू तुरी व मुकुंद तुरी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा व 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है