बिशुनपुर में सौर ऊर्जा से बल्ब जलाने के साथ-साथ हो रहा है खेती-बारी का काम
बिशुनपुर ब्लॉक के केचकी गांव के 66 घर व जालिम गांव के 156 घर सोलर सिस्टम से जगमग हैं, जबकि इन दोनों गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. इस कारण दोनों गांव को रेस परियोजना के तहत चयन कर सोलर ऊर्जा से घर-घर बिजली पहुंचायी गयी है
जिले के बिशुनपुर ब्लॉक के गांवों में सौर ऊर्जा से घर-घर में बल्ब जलाने के साथ चूल्हा चौका व खेती-बारी का काम हो रहा है. रेस परियोजना के तहत बिशुनपुर की 10 पंचायतों के 68 गांवों में सौर ऊर्जा समिति बना कर सौर ऊर्जा पर काम किया जा रहा है. इससे संबंधित गुमला के डीएसपी रोड बिंदेश अपार्टमेंट के सभागार में मीडिया सहभागिता कार्यशाला हुई, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा की पहुंच पर चर्चा हुई. रेस परियोजना के समन्वयक योगेश राय ने कहा कि बिशुनपुर प्रखंड के गांवों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम किया जा रहा है व लोगों को सोलर के प्रति जागरूक किया जा रहा है. एक पीला बल्ब जितना बिजली खींचता है, उसकी तुलना में हम 10 एलइडी बल्ब जला सकते हैं.
उन्होंने कहा कि बिशुनपुर ब्लॉक के केचकी गांव के 66 घर व जालिम गांव के 156 घर सोलर सिस्टम से जगमग हैं, जबकि इन दोनों गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. इस कारण दोनों गांव को रेस परियोजना के तहत चयन कर सोलर ऊर्जा से घर-घर बिजली पहुंचायी गयी है. प्रखंड समन्वयक विपिन कुमार तिवारी ने कहा कि 2019 से रेस परियोजना इस क्षेत्र में कम कर रही है. बिशुनपुर में 68 सौर ऊर्जा समिति एक्टिव होकर काम कर रही है. संस्था द्वारा धुंआ रहित चूल्हा का निर्माण कराया गया है.
622 घरों में चूल्हा की स्थापना की गयी है, जबकि हमारा टारगेट 1000 घर तक पहुंचना है. इस क्षेत्र में 12 सोलर लिफ्ट इरिगेशन का निर्माण किया गया है, जिससे 1350 किसान लिफ्ट के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचा रहे हैं. यूरोपियन संस्था इसमें सहयोग कर रही है. स्वच्छ समाधान कोऑर्डिनेटर मनीष ने कहा कि यूरोपियन यूनियन की फंडिंग है. झारखंड के 17 जिलों में लीड्स कम कर रही है. बिशुनपुर इलाके में नयी सोलर जलमीनार की स्थापना की गयी है. बिशुनपुर में 92 सोलर जलमीनार लगायी गयी है. इसके अलावा खराब जलमीनार की मरम्मत की जा रही है. विकास भारती बिशुनपुर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक अटल तिवारी ने कहा है कि बिशुनपुर में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. अब गुमला, घाघरा, रायडीह, भरनो व सिसई में भी काम करने की योजना है.