Lockdown Effect : गुमला में नहीं मिला रोजगार, पलायन किये 60 मजदूर

लॉक डाउन की विषम परिस्थिति में अपने घर लौटे प्रवासी मजदूर फिर रोजी रोजगार के जुगाड़ के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. प्रशासन इन मजदूरों को अपने गृह जिला में रोजगार नहीं दे सका

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2020 11:59 PM
an image

गुमला : लॉक डाउन की विषम परिस्थिति में अपने घर लौटे प्रवासी मजदूर फिर रोजी रोजगार के जुगाड़ के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. प्रशासन इन मजदूरों को अपने गृह जिला में रोजगार नहीं दे सका. जिसके कारण मजदूर फिर अपने बच्चों व पेट की भूख मिटाने के लिए पलायन करना शुरू कर दिये हैं. ऐसा ही एक मामला सिसई प्रखंड से सामने आया है.

गुरुवार को सिसई प्रखंड के छारदा, भुरसो, पहामु व निंगनी गांव के 60 बालिग व नाबालिग युवक रोजगार की तलाश में तेलंगाना के हैदराबाद के लिए रवाना हुए. मजदूर युवकों ने बताया की लॉक डाउन से पहले हमलोग एलएनटी कंपनी टीयूडी रायदुर्गम हैदराबाद में काम करते थे. जहां मजदूरी के रूप में ओवर टाईम सहित 750 रुपया प्रति दिन मजदूरी मिलता था.

कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी फैलने के बाद सरकार द्वारा लगाये गये लॉक डाउन के दौरान पैदल व अन्य साधनों से किसी तरह जान बचाकर अपने घर लौटे थे. कठिन परिस्थितियों में वापस लौटने के बाद बाहर मजदूरी के लिए वापस नहीं जाने की ठान चुके थे.

किसी तरह यहीं रहकर मेहनत मजदूरी कर अपना जीविका चलायेंगे. किंतु घर वापस लौटने के करीब चार माह से कोई काम नहीं होने के कारण स्वेच्छा से काम के लिए बाहर जा रहे हैं. सरकारी योजनाओं में मजदूरी दर अत्यंत कम होने के कारण सरकारी मजदूरी दर पर कार्य कर जीवन चलाना नामुमकिन है.

बस से मजदूरों के ले गये एजेंट : इधर, मजदूरों को कंपनी में काम पर ले जाने के लिए बकायदा कंपनी के ठेकेदारों द्वारा स्थानीय लोगों को एजेंट के रूप में कमिशन पर रखा गया है. जिनके द्वारा मजदूरों को प्रलोभन देकर बाहर भेजने के लिए एकत्रित किया जाता है. जिसके बाद निर्धारित समय पर कंपनी के द्वारा वाहन भेजकर सभी मजदूरों को ठेकेदार के माध्यम से कंपनी ले जाया जा रहा है.

मजदूरों को हैदराबाद ले जा रहे कंपनी ठेकेदार ओड़िशा राज्य के मनोज कुमार रावलो से प्रशासनिक अनुमति के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि स्थानीय प्रखंड प्रशासन से मुलाकात किया गया था. प्रखंड प्रशासन द्वारा अंतर राज्यीय मामला होने के कारण जिला प्रशासन से अनुमति लेने की बात कही गयी.

जिसके बाद जिला श्रम नियोजन कार्यालय गुमला से 60 मजदूरों की अनुमति मिलने की बात कहते हुए जिला श्रम कार्यालय से दूरभाष पर बात करायी. श्रम कार्यालय गुमला से फोन पर इस संबंध में बात किये जाने पर 60 श्रमिकों का लाल कार्ड बन जाने व मजदूर अपनी मर्जी से कहीं भी काम करने जा सकते हैं, की बात कही गयी.

Post by : Pritish Sahay

Exit mobile version