Loading election data...

लॉकडाउन से गुमला के ज्वेलर्स दुकान संचालक संकट में, कई दुकानदारों का लाखों का व्यवसाय हुआ है प्रभावित

लॉकडाउन से हो रही परेशानी के संबंध में पालकोट रोड स्थित रघु साव हरिहर प्रसाद दुकान के सुनील सोनी ने कहा कि स्वास्थ्य सर्वेक्षण सप्ताह के तहत ज्वेलर्स दुकान को बंद कर दिया गया है, जो सरासर अनुचित है. जिस प्रकार आम जनता की जरूरत के सामानों की दुकान को दो बजे तक खोली गयी है. उसी तरह हमें भी दो बजे तक कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आदेश जारी कर दुकान खोलने की अनुमति देना चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2021 2:12 PM
an image

Jharkhand News, Gumla News गुमला : कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाडन से ज्वेलर्स संकट में आ गये हैं. माह अप्रैल में विवाह का लगन शुरू हुआ. उसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो गया. दुकानों के बंद होने से ज्वलेर्स शॉप के संचालकों को परेशानी हो रही है. प्रभात खबर प्रतिनिधि जौली विश्वकर्मा ने ज्वेलर्स दुकान के संचालकों से सीधी बातचीत की.

लॉकडाउन से हो रही परेशानी के संबंध में पालकोट रोड स्थित रघु साव हरिहर प्रसाद दुकान के सुनील सोनी ने कहा कि स्वास्थ्य सर्वेक्षण सप्ताह के तहत ज्वेलर्स दुकान को बंद कर दिया गया है, जो सरासर अनुचित है. जिस प्रकार आम जनता की जरूरत के सामानों की दुकान को दो बजे तक खोली गयी है. उसी तरह हमें भी दो बजे तक कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आदेश जारी कर दुकान खोलने की अनुमति देना चाहिए.

दुकान बंद कर देने से हमारा पांच लाख रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. चेयरमैन गली स्थित प्रियंका ज्वलेर्स के संचालक संदीप सोनी ने कहा कि सरकार ने हमारी दुकान बंद कर आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है. चूंकि हमारे व्यवसाय से ही हमारा जीविकोपार्जन होता है. एक माह होने जा रहा है. हम किसी तरह अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं.

सिसई रोड स्थित राज रत्न ज्वेलर्स के संचालक रूपेश सोनी ने कहा कि लॉक डाउन से मुझे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. लगन में बिक्री में सात लाख का नुकसान हुआ है. ज्वलेर्स शॉप को लोन भरने में काफी परेशानी हो रही है. किराना दुकान से उधारी सामान लेकर घर चलाना पड़ रहा है. ज्वेलर्स दुकान के संचालक भुखमरी की कगार पर हैं. अगर संचालक भुखमरी में होंगे, तो उनके दुकान के कारीगर को कहां से उनका मानदेय देंगे.

Posted By : Sameer Oraon

Exit mobile version