Jharkhnad News (जगरनाथ, गुमला) : साहब, ये अस्पताल है. देखिये किस कदर झाड़ी उग आया है. भवन बेकार है. 5 साल से अस्पताल का गेट नहीं खुला है. लोहे का गेट जंग खा रहा है. यह हकीकत है. जिसे प्रशासन व सरकार झुठला नहीं सकती. गुमला जिला अंतर्गत रायडीह प्रखंड के जरजट्टा पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र है. वर्ष 2015 में 30 लाख रुपये की लागत से बना था. भवन बने 5 साल हो गया. अब छठे वर्ष होने जा रहा है. इतने वर्षों में कभी अस्पताल को चालू करने का प्रयास नहीं किया गया जबकि पंचायत की जनता अस्पताल चालू करने की मांग करते रही.
सरकार व प्रशासन जनता की बातों को सुनकर भी अनसुना करते रही है. हालांकि, जरजट्टा पंचायत का पुराना स्वास्थ्य उपकेंद्र सलकाया गांव में है. यहां भवन जर्जर हो गया. उसी भवन में सप्ताह में एक या दो दिन नर्स आती है. बच्चों को टीका देती है. कोई मरीज आ गया तो सर्दी, बुखार व खांसी की दवा देती है. लेकिन, कोरोना महामारी में इस पंचायत के करीब 6000 आबादी को सरकार की तरफ से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. अधिकांश लोग गांव में ग्रामीण चिकित्सक जिसे झोलाछाप डॉक्टर कहते हैं. वहां इलाज कराने को मजबूर हैं.
पंचायत : पॉजिटिव : आरटी-पीसीआर : ट्रूनेट : रैपिड
जरजट्टा : 14 : 40 : 32 : 221
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इस संबंध में जरजट्टा पंचायत की मुखिया चौठी देवी कहती हैं कि नया भवन बना है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो रहा है. अब तो नया भवन खंडहर होने लगा है. अगर इसे जल्द चालू नहीं किया गया, तो यह भूत बंगला बन जायेगा. लाखों रुपये बर्बाद हो जायेंगे. सरकार व प्रशासन से अनुरोध है कि अस्पताल को जल्द चालू कराये.
वहीं, पूर्व उपमुखिया मार्था एक्का ने कहा कि जरजट्टा गांव से रायडीह प्रखंड की दूरी 13 किमी है. इसलिए रात में अगर कोई बीमार होता है, तो ग्रामीण चिकित्सक यानी झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर होते हैं. सप्ताह में एक दिन सरकारी डॉक्टर गांव में कैंप करें.
दूसरी ओर, समाजसेवी मुख्तार साह ने कहा कि जरजट्टा में नया भवन बेकार है. झाड़ी उग आया है जबकि सलकाया में पुराना भवन जर्जर हो गया है. जहां एक नर्स कभी कभार आती है. कभी डॉक्टर इस गांव में नहीं आये हैं.
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गांव के ग्रामीण सिकंदर सिंह ने कहा कि हमारे पंचायत की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है. इसलिए इस कोरोना महामारी में हमलोग परेशान हैं. अस्पताल भवन को चालू नहीं किया जा रहा है. जिससे इलाज के लिए हम लोगों को परेशानी हो रही है. वहीं, ग्रामीण मुस्ताक साह ने कहा कि प्रशासन को गंभीरता पूर्वक अस्पताल को चालू करने की पहल करनी चाहिए क्योंकि इलाज के अभाव में कई लोगों की घर में ही मौत हो रही है. सर्दी, बुखार व खांसी के लोग भी डर से अस्पताल नहीं जा रहे हैं.
Posted By : Samir Ranjan.