गुमला: खोया हुआ बेटा बन साधु के वेश में आया, परिवार को ठगा

ठग साधु ने संन्यासी जीवन छोड़ने व गृहस्थ जीवन में शामिल होने के लिए 10 हजार साधुओं को भंडारा देने की बात कहते हुए इसमें तीन लाख रुपये खर्च होने की बात कही.

By Prabhat Khabar News Desk | November 7, 2023 2:02 PM

सिसई (गुमला) : गुमला के सिसई प्रखंड में ठगी की अजीबोगरीब घटना घटी है. एक परिवार के घर उनका खोया हुआ बेटा बन कर एक साधु आया और उनसे पैसे की ठगी कर फरार हो गया. पुलिस ने जांच पड़ताल की, तो वह साधु एक ठग निकला. इस मामले में पुलिस ने तीन ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. ठगों में उत्तर प्रदेश निवासी अरुण योगी (25), मोहम्मद फारूक (36) व मोहम्मद सफरुद्दीन (42) शामिल हैं. इस संबंध में थानेदार सत्यम गुप्ता ने बताया कि पुसो थाना के कुलकुपी महुआटोली गांव निवासी चौठी देवी ने ठगी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर उपरोक्त तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया.

ठगों के पास से पांच हजार नगद, दो सारंगी व चार मोबाइल जब्त किया गया है. आवेदन के अनुसार 12 साल पहले चौठी का देवर सुकरमान उरांव घर से लापता था. शनिवार की सुबह आठ बजे तीनों ठग साधु के वेश में उसके घर आये और एक साधु अरुण खुद को सुकरमान उरांव बताने लगा. साथ ही वह पूरे परिवार का नाम बताने लगा. उसकी बातों में आकर सभी उसे घर में रहने का आग्रह करने लगे. इस पर ठग साधु ने संन्यासी जीवन छोड़ने व गृहस्थ जीवन में शामिल होने के लिए 10 हजार साधुओं को भंडारा देने की बात कहते हुए इसमें तीन लाख रुपये खर्च होने की बात कही.

साथ ही शीघ्र 10 हजार रुपये और कुछ कपड़े की मांग की. साथ ही तीन दिनों के अंदर बाकी रुपये जुटाने की बात कह कर चला गया. उनकी बातों में भरोसा कर चौठी देवी ने साधुओं को 10 हजार रुपये व कुछ कपड़े दे दिये. इसके बाद में वार्ड सदस्य व ग्रामीणों से मालूम हुआ कि वे सभी ठग थे. उन्ही तीनों ठगों द्वारा शिवनाथपुर गांव की दुखनी देवी को उसके 15 साल से गायब पति चमरा उरांव बन कर ठगने का प्रयास किया गया था, परंतु गांव वालों के सूझबूझ से दुखनी देवी ठगी से बच गयी थी. छापेमारी दल में थाना प्रभारी पुअनि सत्यम गुप्ता, पुअनि कबिंद्र पोद्दार, सअनि कुमार सरंजय, सअनि श्रवण भगत तथा थाना रिजर्व गार्ड शामिल थे.

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