गुमला : पांचवां राष्ट्रीय पोषण माह (एक से 30 सितंबर 2022 तक) के तहत महिला और स्वास्थ्य तथा बच्चा और शिक्षा की थीम पर गुमला जिला में पोषण अभियान चलाया जा रहा है. जिला समाज कल्याण विभाग गुमला की ओर से चलाये जा रहे पोषण अभियान के तहत छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों एवं गर्भवती माताओं व शिशुओं को दुग्धपान कराने वाली माताओं की एनिमिया जांच, जांच में एनिमिया से अति पीड़ित पाये जाने वाले बच्चों को चिह्नित कर एमटीसी सेंटर में नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है.
इलाज करानेवाले बच्चों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप प्रतिदिन 100 रुपये भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही गर्भवती एवं शिशु को दुग्धपान कराने वाली माताओं को पोषण के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने बताया कि एक माह तक चलने वाले पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य गुमला जिला को कुपोषण से मुक्त करना है. इस निमित्त सरकार बच्चों एवं महिलाओं को केंद्रित कर उनमें कुपोषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहिया के माध्यम से शून्य से पांच वर्ष (छह वर्ष से कम) के बच्चों का कद और वजन का माप करते हुए पोषण ट्रैकर में डाटा रिकॉर्ड किया जा रहा है.
साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की सूची भी बनायी जा रही है. जांच के दौरान अति गंभीर एनीमिया/कुपोषण (एसएएम) के शिकार बच्चों को एमटीसी सेंटर भेजा जा रहा है. जिले के सभी एमटीसी सेंटर के बेड लगभग फुल हो गये हैं. इस निमित्त मंगलवार को कामडारा से आठ एवं पालकोट से तीन कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर इलाज के लिए गुमला एमटीसी में भरती किया गया है. जहां बच्चों को 15 दिनों तक रख कर नि:शुल्क इलाज किया जायेगा. इलाज के बाद प्रतिदिन 100 रुपये की दर से 15 दिनों का 1500 रुपये भी दिया जायेगा.