बसिया व सिसई प्रखंड में अब तक नहीं बनी है कई सड़कें, जानें अब तक की स्थिति
बसिया व सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क अब तक नहीं बनी है. वर्ष 2012 से यह सड़क बन रही है. परंतु नौ साल हो गये. 37.50 किमी सड़क बननी है.
बसिया व सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क अब तक नहीं बनी है. वर्ष 2012 से यह सड़क बन रही है. परंतु नौ साल हो गये. 37.50 किमी सड़क बननी है. जिसमें कई गांव के समीप सड़क नहीं बनी है. हाईलेबल पुल का निर्माण भी अधूरा है. जबकि इसी सड़क के कारण ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव को चुनाव हरा चुके हैं. सड़क बनवाने की शर्त पर इस बार लोगों ने जिग्गा सुसारन होरो को विधायक बनाया.
परंतु अब विधानसभा चुनाव के दो साल पार हो गये. परंतु अभी तक यह सड़क नहीं बनी. यहां तक कि पुल निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है. घटिया काम के कारण पुल दब रहा है. यह सड़क बसिया व सिसई प्रखंड के करीब 50 हजार आबादी के लिए लाइफ लाइन है. लेकिन प्रशासनिक अदूरदर्शिता, स्थानीय नेताओं द्वारा रुचि नहीं लेने व संवेदक की लापरवाही से सड़क का काम अभी तक अधूरा है. इस सड़क के नहीं बनने से जहां लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है.
वहीं सड़क पर डस्ट बिछा कर छोड़ देने से उड़ते धूलकण से लोग बीमार हो रहे हैं. कई बार लोगों ने सड़क बनाने की मांग की. लेकिन किसी ने सड़क को पूरा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखायी. जिसका नतीजा है. अब लोगों का गुस्सा फूटने लगा है.
सड़क अधूरी रहने से हो रही परेशानी
बोल्डर पत्थर के कारण हर रोज हो रहे हादसे. बाइक सवार परेशान हैं.
सड़क पर गिरे डस्ट से उड़ते धूल कण से लोग परेशान, हो रहे बीमार.
रात के अंधेरे में लोगों का सड़क पर सफर करना खतरनाक हो गया है.
पुलिस भी संभल कर सफर करती है. सड़क पर गड्ढा डर का कारण है.
इस रूट की खेत में लगी फसल भी धूल-कण से बरबाद हो रही है.
दो बार किया गया शिलान्यास
बसिया से सिसई प्रखंड तक 37.50 किमी लंबी सड़क बननी है.
2012 में पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने ऑनलाइन शिलान्यास किया था.
वर्ष 2012 में 37.50 किमी सड़क की लागत 45 करोड़ रुपये थी.
2015 में दोबारा स्पीकर व सांसद ने सड़क का शिलान्यास किया था.
नये शिलान्यास में दो करोड़ लागत बढ़ गयी और 47 करोड़ हो गयी.
Posted By : Sameer Oraon