Jharkhand News: विभिन्न प्रकार के सब्जियों, फूलों व फलों की बागवानी करने वाले किसानों के लिए जिला उद्यान्न विभाग गुमला में योजनायें आ गयी है. उद्यान्न विकास योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में किसानों को एक या दो नहीं, बल्कि अनेकों प्रकार की योजनायें दी जायेगी. जिला उद्यान्न कार्यालय गुमला से मिली जानकारी के अनुसार, उद्यान्न विकास योजना अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में मिर्चा की खेती 40 हेक्टेयर भूमि, ओल की खेती 15 हेक्टेयर, अदरख की खेती 05 हेक्टेयर, खुले वातावरण में फूल की खेती 50 एकड़, टिशु क्लचर केला की खेती 30 हेक्टेयर, खरीफ एवं रबी सब्जियों की खेती 250 हेक्टेयर, संरक्षित फूल गेंदा की खेती 0.9 हेक्टेयर, टिशु कल्चर स्ट्रॉबेरी की उन्नत खेती 15 हेक्टेयर भूमि तथा 20 हजार पपीता की खेती करायी जायेगी.
खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा
गुमला जिले के 18 लाभुकों को कीट रहित सब्जी उत्पादन इकाई, 20 लाभुकों को गृह वाटिका की स्थापना (प्रति इकाई 25 डिसमिल) का लाभ दिया जायेगा. 30 लाभुकों को गुणवत्तायुक्त सब्जी, फूल, फल, पौध बिचड़ा उत्पादन से भी जोड़ा जायेगा और 7500 लाभुकों के बीच मशरूम कीट का वितरण किया जायेगा. वहीं 200 बागवानी, उद्यान्न मित्रों व कृषकों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण, 10 युवा किसानों को 25 दिवसीय माली प्रशिक्षण एवं 250 किसानों को मशरूम पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.
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उद्यान्न विभाग कार्यालय में आवेदन जमा करना शुरू
इन योजनाओं में ब्लॉक चेन में निबंधित किसानों के चयन में प्राथमिकता दी जायेगी. जबकि अजा, अजजा एवं अल्पसंख्यक किसानों का नियमानुसार चयन किया जायेगा. इसके साथ ही उद्यान्न विकास योजना अंतर्गत पिछले तीन सालों में जिन लाभुक किसानों या उनके परिवार और गांव का चयन नहीं किया गया है. केवल उन्हीं किसानों और गांवों का चयन किया जायेगा. हालांकि मिर्चा, ओल, अदरख, फूल, केला, सब्जी, स्ट्रॉबेरी, पपीता आदि की खेती के लिए किसानों ने उद्यान्न विभाग कार्यालय, गुमला में आवेदन जमा करना शुरू कर दिया है.
रिपोर्ट : जगरनाथ, गुमला.