शहीद अलबर्ट एक्का के प्रखंड में नहीं है अस्पताल, मरीजों को ले जाना पड़ता है गुमला या छत्तीसगढ़
विधायक भूषण तिर्की ने गुमला प्रशासन से कहा था कि जब तक जारी में अस्पताल नहीं बन जाता, तब तक सप्ताह में दो दिन एक डॉक्टर व नर्स की प्रतिनियुक्ति जारी में की जाये
जारी : जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं है. इस कारण यहां बीमार होने पर मरीजों को छत्तीसगढ़ या गुमला ले जाना पड़ता है. कई बार मरीज की गंभीर स्थिति होने पर जान भी चली जाती है. इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है कि जिस प्रखंड के लाल ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. उस प्रखंड के लोग एक अस्पताल के लिए तरस रहे हैं. ज्ञात हो कि पांच माह पूर्व गुमला में मंत्री, विधायक व डीसी समेत जिले के अधिकारियों की बैठक हुई थी.
बैठक में विधायक भूषण तिर्की ने गुमला प्रशासन से कहा था कि जब तक जारी में अस्पताल नहीं बन जाता, तब तक सप्ताह में दो दिन एक डॉक्टर व नर्स की प्रतिनियुक्ति जारी में की जाये, ताकि वे वहां दो दिन बैठ कर मरीजों की जांच कर सके. परंतु, अभी तक जारी में डॉक्टर के बैठने की व्यवस्था नहीं की गयी है. बीमार होने पर लोग झोला छाप डॉक्टर पर आश्रित हैं. जारी प्रखंड में पांच पंचायत हैं, जिसकी आबादी 60 हजार हैं.
2011 में यहां पांच करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल बन रहा था, परंतु आबादी कम होने के कारण अस्पताल का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया. वह भवन आज भी आधा-अधूरा पड़ा है. वर्तमान में वह भी भवन जर्जर हो गया है. जिप सदस्य दिलीप कुमार बड़ाइक ने अस्पताल खोलने व वैकल्पिक रूप से एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की है, जिससे सप्ताह में एक या दो दिन डॉक्टर जारी प्रखंड आकर मरीजों की जांच कर सकें.
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