Loading election data...

बदहाली में जी रहे शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज, गोद लेने के बाद भी नहीं बदली तस्वीर, शुद्ध जल तक नसीब नहीं

Jharkhand News: शहीद तेलंगा खड़िया के परिवार की उपेक्षा की जा रही है. कुछ परिवार को शहीद आवास मिला है, परंतु अधिकतर घर अधूरा है. शौचालय निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2021 1:48 PM

Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के सिसई प्रखंड में नागफेनी घाघरा गांव है. नेशनल हाइवे सड़क से गांव की दूरी तीन किमी है. इस गांव में शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज रहते हैं. खड़िया जनजाति के 16 परिवार हैं. गांव में पक्की सड़क नहीं है. पगडंडी व कच्ची सड़क से आवागमन करते हैं. बिजली पोल व तार लगा है, परंतु घरों में मात्र एक ही बल्ब जलता है. टीवी किसी के घर में नहीं है. गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है. खेत के दाड़ी कुआं का दूषित पानी पीते हैं. वृद्धों को पेंशन नहीं मिलती. खेतों की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है. आपको बता दें कि 2021 के अगस्त माह में प्रशासन ने शहीद के गांव नागफेनी घाघरा को गोद लिया है, परंतु इस गांव में किसी प्रकार की सरकारी योजना का संचालन नहीं हो रहा है.

सरकार व प्रशासन द्वारा शहीद के परिवार की उपेक्षा की जा रही है. कुछ परिवार को शहीद आवास मिला है, परंतु अधिकतर घर अधूरा है. शौचालय निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ है. गांव तक आने के लिए एक किमी कच्ची सड़क है. इससे बरसात में काफी दिक्कत होती है. घाघरा गांव जाने की सड़क पर असामाजिक तत्वों ने शहीद तेलंगा खड़िया की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया है. जिसकी मरम्मत नहीं की गयी है. वंशजों ने प्रशासन से प्रतिमा को ठीक करने व शिलापट्ट को भी सुंदर बनाने की मांग की है. जिस स्थान पर प्रतिमा है. उसकी घेराबंदी करने व छत बनाने की मांग की है, ताकि प्रतिमा सुरक्षित रह सके.

Also Read: Jharkhand News: प्रकृति की गोद में मनाना है नये साल का जश्न, तो गुमला के नागफेनी में पर्यटकों का स्वागत है

शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज जोगिया खड़िया ने कहा कि प्रशासन ने जब वादा किया है कि घाघरा गांव का विकास करेंगे तो उस वादा को पूरा करे. सरकार तक बात पहुंचती है तो प्रशासन सिर्फ चावल देता है. मेरे पास काम नहीं है. मैं भी पंजाब पलायन करूंगा. वंशज पुनी देवी ने कहा कि गरीबी के कारण बेटा गोवा मजदूरी करने चला गया. घर में राशन कार्ड है. मेरी उम्र 60 वर्ष हो गयी, परंतु मुझे वृद्धावस्था पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. हमलोग यहां संकट में जी रहे हैं. वंशज तुलसी खड़िया ने कहा कि गांव के जितने भी युवक मैट्रिक पास हैं. उन छात्रों की आगे की पढ़ाई के लिए सरकार मदद करे. कहने को हम शहीद के वंशज हैं. परंतु हमें शहीद के वंशज की तरह सुविधा नहीं मिल रही. वंशज संतोष खड़िया ने कहा कि गांव में पीसीसी सड़क, सरना घेराबंदी, खड़िया मसना घेराबंदी, उरांव मसना घेराबंदी, सोलर जलमीनार, डीप बोरिंग, शहीद के वंशजों की पहचान के लिए पहचान पत्र, गांव के 16 घरों में सोलर लाइट लगे.

Also Read: Jharkhand News: लुगु पहाड़ पर लगेगा 1500 मेगावाट का हाइडल पावर प्लांट, डीवीसी की यह परियोजना क्यों है खास

रिपोर्ट: दुर्जय पासवान

Next Article

Exit mobile version