फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं बिशुनपुर के मनरेगा बीपीओ, लोगों ने की बर्खास्त करने की मांग
मनरेगा बीपीओ मूरत यादव का मामला शांत होने के बजाय और तूल पकड़ता जा रहा है. बीपीओ के ऊपर मनरेगा में लाभुकों से पैसा लेने के बाद अब उनके ऊपर फर्जी तरीके से नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है.
बिशुनपुर प्रखंड के मनरेगा बीपीओ मूरत यादव का मामला शांत होने के बजाय और तूल पकड़ता जा रहा है. बीपीओ के ऊपर मनरेगा में लाभुकों से पैसा लेने के बाद अब उनके ऊपर फर्जी तरीके से नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है. बीपीओ एवं अभियंता के लिए नियुक्ति के नियम में यह साफ लिखा गया था कि कोई भी अभ्यर्थी द्वारा एक ही जिला में अपना आवेदन किया जा सकता है.
जिसके बाद उन्हें शपथ पत्र देना होगा कि उनके द्वारा सरकारी नियमों का पालन किया गया है. अगर कोई अभ्यर्थी दो जिलों में आवेदन देते हैं और शपथ पत्र असत्य पाया जाता है तो उनकी नियुक्ति स्वतः समाप्त हो जायेगी. इसके बावजूद बिशुनपुर के मनरेगा बीपीओ मूरत यादव द्वारा गुमला एवं लातेहार जिला में आवेदन दिया गया था.
जबकि शपथ पत्र में सिर्फ गुमला जिला में आवेदन करने की बात कही गयी थी. इधर मामले को लेकर कुछ लोगों द्वारा पूर्व में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में शिकायत दर्ज करायी गयी थी. जिसके बाद जिला आयुक्त के पत्रांक 136 दिनांक दो फरवरी 2019 में प्रतिवेदित किया गया कि मूरत यादव द्वारा गलत शपथ पत्र दायर किया गया है. इसलिए उन पर कार्रवाई की जाये. परंतु अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
इधर फर्जी तरीके से नौकरी करने का मामला प्रकाश में आने के बाद जनप्रतिनिधि संघ द्वारा गुमला जिला प्रशासन से बिशुनपुर के बीपीओ मूरत यादव को बर्खास्त करने की मांग की. मुखिया जयप्रकाश उरांव ने कहा कि मूरत यादव द्वारा सरकार एवं प्रशासन की आंख में धूल झोंक कर फर्जी तरीके से नौकरी की जा रही है. जिला प्रशासन तत्काल सभी बिंदुओं की जांच कर मूरत यादव को बर्खास्त करें. वहीं. जनप्रतिनिधि संघ द्वारा बीडीओ को ज्ञापन सौंप कर बीपीओ के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की गयी.