सिसई में मजदूरों की जगह जेसीबी से हो रहा मनरेगा का काम, कामगारों के हक मार रहे बिचौलिये
Jharkhand news, Gumla news : गुमला जिला अंतर्गत सिसई प्रखंड के भुरसो पंचायत में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन के द्वारा काम किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस पंचायत के सेमरा स्कूल में करीब 4 लाख रुपये की लागत से वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत खेल मैदान बनाया जा रहा है. इस खेल मैदान निर्माण के लिए खुदाई समेत अन्य कार्यों के लिए मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन का उपयोग कर बिचौलिया कामगारों का हक मारने का आरोप लगाया जा रहा है.
Jharkhand news, Gumla news : सिसई (गुमला) : गुमला जिला अंतर्गत सिसई प्रखंड के भुरसो पंचायत में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन के द्वारा काम किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस पंचायत के सेमरा स्कूल में करीब 4 लाख रुपये की लागत से वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत खेल मैदान बनाया जा रहा है. इस खेल मैदान निर्माण के लिए खुदाई समेत अन्य कार्यों के लिए मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन का उपयोग कर बिचौलिया कामगारों का हक मारने का आरोप लगाया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, भुरसो पंचायत अंतर्गत सेमरा स्कूल में 3 लाख 92 हजार 400 रुपये की लागत से बन रही सरकार की महत्वाकांक्षी वीर शहीद पोटो हो खेल योजना के तहत मनरेगा के माध्यम से खेल मैदान का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस खेल मैदान के निर्माण कार्य में रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन के द्वारा काम कराया जा रहा है और दिन के उजाले में नाममात्र के मजदूर लगाकर जेसीबी मशीन का निशान हटाने का काम किया जा रहा है.
कुछ गुस्साये ग्रामीण और अन्य मजदूरों ने रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से हो रहे काम का वीडियो बना कर कार्य स्थल का निरीक्षण करने का आग्रह स्थानीय पत्रकारों से किया. कार्यस्थल पर जाने पर जेसीबी मशीन के टायर का निशान तथा अगले एवं पिछले बोकेट का निशान स्पष्ट तौर पर देखा गया. खेल मैदान में काम कर रहे कुछ मजदूरों से जब जेसीबी मशीन से काम कराये जाने संबंधी जानकारी ली गयी, तो उन्होंने कहा कि रात में जेसीबी मशीन के द्वारा काम किया गया है. दिन में कुछ ही मजदूरों को लगाया जाता है.
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ग्रामीणों का कहना है कि वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत गांव में खेल मैदान बनने से लंबे समय तक काम मिलने की ऊमीद थी, लेकिन जेसीबी मशीन से इस तरह से काम होने पर हम मजदूरों को एक सप्ताह भी काम नहीं मिलेगा. मालूम हो कि मनरेगा योजना के तहत होने वाले सभी कार्य स्थानीय ग्रामीणों से कराने का प्रावधान है, पर बिचौलिया राशि बचाने के नियत से मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन का उपयोग कर इन मजदूरों का हक मार रहा है.
मजदूरों को काम मिले, इसी उद्देश्य से हेमंत सरकार ने तीन महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है. इसके तहत बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य अधिक से अधिक मजदूरों को अपने गांव या आसपास में काम मिल सके, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता और बिचौलियों के कारण इन मजदूरों को काम मिलने में परेशानी होती है.
इस संबंध में भुरसो पंचायत की मुखिया रेखा देवी से पूछे जाने पर उन्होंने जेसीबी मशीन से कार्य किये जाने की जानकारी नहीं होने की बात कही. मुखिया ने कहा कि मजदूरों की जगह अगर जेसीबी मशीन का उपयोग कार्यस्थल पर हुआ है, तो संबंधित दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारी से करेगी.
Posted By : Samir Ranjan.