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गुमला में प्रशासन की मुस्तैदी से रोकी गई नाबालिग की शादी

बच्चे से लेकर बड़े तक खुश थे. सभी नये कपड़े पहने हुए थे. बारात जाने के लिए बस व पिकअप गाड़ियां भी खड़ी थी. सभी बारात जाने के लिए बस में बैठने ही वाले थे. तभी गांव में प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गये और बारात को जाने से रोक दिया.

By Kunal Kishore | June 9, 2024 9:39 PM
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गुमला में प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए एक नाबालिग लड़के की शादी होने से रोक दी. दरअसल, प्रशासन को सूचना मिली की गांव में एक 16 वर्षीय लड़के की शादी 18 वर्षीय लड़की से हो रही है. प्रशासन ने परिजनों को समझा-बुझा कर शादी रुकवा दी. प्रशासन के समझाने के बाद लोग माने और नाबालिग लड़के की शादी रोकी गयी.

क्या है मामला

भरनो प्रखंड के तुरीअंबा पंचायत के कमलपुर गांव में एक 16 वर्षीय लड़के की शादी बाल कल्याण समिति के आदेश पर प्रखंड प्रशासन के हस्तक्षेप से रविवार की दोपहर रुकवाया गया. बारात निकलने की पूरी तैयारी हो चुकी थी. घर में दूल्हा की गाड़ी सजकर तैयार था. बारातियों के लिए बस और दर्जनों वाहन तैयार थे. परिवार और गांव के लोग बारात निकलने के लिए तैयार थे. तभी अचानक पुलिस प्रशासन पहुंच गयी और बारात रोक दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 वर्षीय युवक और बेड़ो थाना क्षेत्र के टैरो महुगांव निवासी 18 वर्षीय युवती के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों के परिजन शादी के लिए राजी हुए और दोनों की शादी होने वाली थी. तभी गांव से किसी ने बाल कल्याण समिति को इसकी सूचना दे दी. फिर प्रखंड प्रशासन को शादी रुकवाने का निर्देश मिला. इस निमित थानेदार अरविंद कुमार, सीओ के प्रतिनिधि रविंद्र झा, प्रमुख पारसनाथ उरांव गांव पहुंचे और बारात रोक दिया.

लड़का पक्ष ने कहा बहुत खर्चा हो गया, पहले ही रुकवा देते शादी

बाद में परिजनों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर नाबालिग पुत्र को शादी नहीं कराने का निर्देश दिया. जिसके उपरांत काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ. लड़का पक्ष ने कहा कि शादी रुकवाना था, तो पहले भी रुकवा सकते थे. इतना खर्चा होने के बाद शादी के दिन बारात रोक दिया गया जो ठीक नहीं हुआ. बारात के लिये बुक किये गये वाहनों का किराया भी भरना पड़ेगा. परिजन उस व्यक्ति से खासे नाराज हैं. जिसने सीडब्ल्यूसी को सूचना देकर शादी रुकवा दिया.

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