Loading election data...

सिसई में करीब 18 लाख का हुआ अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला, धनबाद, गढ़वा के बाद गुमला में उजागर हुआ मामला

Jharkhand news, Gumla news : झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की परत-दर-परत खुलने लगी है. इसके साथ ही जिलों की संख्या भी बढ़ने लगी है. धनबाद, गढ़वा के बाद अब गुमला में भी छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी मिली है. सिसई प्रखंड के मंगलो गांव में स्थित कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख उच्च विद्यालय में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है. 3 वर्षों से यह घोटाला चल रहा है, लेकिन इससे कल्याण विभाग अनभिज्ञ था. जबकि स्कूल के 1674 फर्जी छात्रों के नाम से 3 वर्ष में 17 लाख 67 हजार 744 रुपये छात्रवृत्ति का घोटाला हुआ. इसका खुलासा तब हुआ जब स्कूल के प्राचार्य अरविंद उरांव ने छात्रवृत्ति के लिए पोर्टल खोला.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2020 5:40 PM
an image

Jharkhand news, Gumla news : गुमला : झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की परत-दर-परत खुलने लगी है. इसके साथ ही जिलों की संख्या भी बढ़ने लगी है. धनबाद, गढ़वा के बाद अब गुमला में भी छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी मिली है. सिसई प्रखंड के मंगलो गांव में स्थित कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख उच्च विद्यालय में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है. 3 वर्षों से यह घोटाला चल रहा है, लेकिन इससे कल्याण विभाग अनभिज्ञ था. जबकि स्कूल के 1674 फर्जी छात्रों के नाम से 3 वर्ष में 17 लाख 67 हजार 744 रुपये छात्रवृत्ति का घोटाला हुआ. इसका खुलासा तब हुआ जब स्कूल के प्राचार्य अरविंद उरांव ने छात्रवृत्ति के लिए पोर्टल खोला.

आश्चर्य की बात है कि स्कूल में अल्पसंख्यक छात्र पढ़ाई ही नहीं करते हैं. इसके बावजूद अल्पसंख्यक छात्रों के नाम पर 3 वर्षों से छात्रवृत्ति की निकासी हो रही है. घोटाले को लेकर स्कूल के प्राचार्य अरविंद उरांव ने 3 नवंबर, 2020 को डीसी, डीडब्ल्यूओ, डीइओ, 8 नवंबर, 2020 को स्कूल की संस्था आदी अखाड़ा रांची, 13 नवंबर, 2020 को एसपी एवं 14 नवंबर, 2020 को राज्यसभा सांसद समीर उरांव को आवेदन देकर फर्जी तरीके से हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

प्राचार्य ने घोटाले का किया खुलासा

स्कूल के प्राचार्य अरविंद उरांव ने बताया कि हमारे स्कूल की स्थापना वर्ष 2008 को हुई है. पहली कक्षा से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. स्कूल की शुरुआत के समय से ही स्कूल में अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या शून्य है. वर्तमान में विद्यालय में 386 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिसमें एक अल्पसंख्यक छात्र है. एक छात्र पिछले वर्ष से स्कूल नहीं आ रहा है. जिसके कारण स्कूल में छात्रवृत्ति संबंधी आईडी पासवर्ड नहीं लिया गया था. समिति के निर्णय के आधार पर 20 सितंबर, 2020 में आईडी पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था जो 29 सितंबर, 2020 में हमें आईडी मिला. 29 तारीख को आइडी मिलते ही मैंने (प्राचार्य) नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल का साइट खोलकर देखा.

Also Read: केरेडारी में दूसरी महिला से प्रेम करना उपेंद्र को पड़ा महंगा, गला दबाकर हुई हत्या, शव को जंगल में फेंका

साइट खोलने पर पता चला कि मेरे विद्यालय में पिछले 3 वर्षों से छात्रों को छात्रवृत्ति दिया जा रहा है. 2020 तक कुल 1674 छात्र के नाम से प्रत्येक छात्र 1056 रुपये के हिसाब से 17 लाख 67 हजार 744 रुपये की फर्जी निकासी किया गया है. इसकी जानकारी प्राचार्य ने समिति के सदस्यों को दिया. सभी ने इस फर्जी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कराने के लिए संबंधित उच्च अधिकारियों को आवेदन देने की बातें कही. इसी के आधार पर उपरोक्त लोगों को आवेदन देकर जांच की गुहार लगायी है. प्राचार्य ने बताया कि स्कूल का आईडी पासपोर्ट खोलने पर ऑप्शन आया. ऑप्शन की जांच करने पर पता चला कि झारखंड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी चतरा रजिस्ट्रेशन नंबर 925/20 06-07 है. जिसमें मेरे स्कूल का प्रिंसिपल अनिल उरांव को दिखाया गया है. मोबाइल नंबर 9431333582, 9525182539 अंकित है. पोर्टल साइट पर छात्रों का नाम एवं मोबाइल नंबर दर्ज है. उसके आधार पर प्रशासन अगर जांच करें, तो दोषी जल्द कानून के शिकंजे में आ सकते हैं.

थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं ली गयी

प्राचार्य अरविंद उरांव ने बताया कि संबंधित उच्च अधिकारी को आवेदन देने के बाद 13 नवंबर, 2020 को सिसई थाना में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया गया था. लेकिन, उन्होंने अपने स्तर से जांच- पड़ताल कर सारी जानकारी जुटा कर आने के बाद आवेदन लेने की बातें कह आवेदन नहीं लिया. जिस कारण अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version