दुर्जय पासवान, गुमला : दुष्कर्म की यह घटना 10 दिन पुरानी है. दुष्कर्म के बाद बच्ची जीवन व मौत से जूझ रही थी. गरीबी से परिजन इलाज कराने में असमर्थ थे, जबकि दुष्कर्म के बाद बच्ची की स्थिति दिनोंदिन खराब हो रही थी. ऐसे में बसिया पुलिस व सीडब्ल्यूसी ने पहल कर परिजनों को समझते हुए बच्ची को रिम्स में भर्ती कराया. इलाज हुआ व बच्ची की जान बच गयी. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर रिम्स में इलाज करा रही है, जबकि बच्ची की सुरक्षा के लिए रिम्स में एक जवान की तैनाती की गयी है. बता दे कि नौ साल की बच्ची के साथ उसके ही भाई ने पहले दुष्कर्म किया, फिर उसको बेरहमी से पीटा था.
चेहरे को पैरों से रौंद दिया था, जिससे मुंह व दांत टेढ़े हो गये थे व दोनों आंखों में सूजन हो गया था. उसके पेट व शरीर के अन्य हिस्सों को भी बुरी तरह पैरों से कुचला गया था. हालांकि, घटना के बाद परिजनों ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. परंतु, परिजन अपने बच्ची का इलाज कराने अस्पताल ले जाना नहीं चाह रहे थे. काफी समझाने के पांच दिन बाद बच्ची को रिम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद बच्ची की जान बची. मुंह व दांत जो टेढ़ा हो गया था. वह अब ठीक हो रहा है. सीडब्ल्यूसी गुमला के अनुसार बच्ची के इलाज में समाज कल्याण विभाग द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है. साथ ही पीड़िता को सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा व अन्य सुविधा भी दी जायेगी.
Also Read: शहीद अलबर्ट एक्का के प्रखंड में नहीं है अस्पताल, मरीजों को ले जाना पड़ता है गुमला या छत्तीसगढ़