मिशन रागी: आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को मिलेंगे रागी के पौष्टिक लड्डू, एनीमिया व कुपोषण की जंग में है रामबाण
जोहार रागी लड्डू रसायन मुक्त, ग्लूटेन मुक्त है. इसके साथ ही इसमें किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव की भी मिलावट नहीं की गयी है. रागी की खेती से लेकर लड्डू बनाने की पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया गया है. यह एकदम शुद्ध एवं पौष्टिक है.
गुमला,दुर्जय पासवान. एनीमिया एवं कुपोषण मुक्ति की दिशा में मिशन रागी के तहत उपायुक्त सुशांत गौरव द्वारा जोहार रागी लड्डू लॉन्च किया गया. मिशन रागी महत्वाकांक्षी योजना है. इस मिशन के तहत आदिवासी महिलाएं जोहार रागी के आटा एवं नूडल्स आदि उत्पाद बना रही हैं. बिशुनपुर की सर्वेश्वरी महिला समूह की अनीता देवी द्वारा बनाये गये लड्डू को उपायुक्त ने लॉन्च किया है. उपायुक्त ने कहा कि रागी के लड्डू को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों एवं एमटीसी सेंटरों में भेजा जायेगा, ताकि सभी बच्चे इसका सेवन करें एवं कुपोषण मुक्त रहें.
कुपोषण एवं एनीमिया से निबटने में कारगर
उपायुक्त ने बताया कि जोहार रागी लड्डू रसायन मुक्त, ग्लूटेन मुक्त है. इसके साथ ही इसमें किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव की भी मिलावट नहीं की गयी है. रागी की खेती से लेकर लड्डू बनाने की पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया गया है. यह एकदम शुद्ध एवं पौष्टिक है. इस लड्डू को बनाने में रागी का आटा, गोंद, देसी घी, गुड़, तिल एवं ड्राई फ्रूट्स का उपयोग किया गया है जो इसे पूरी तरह से पौष्टिक एवं स्वादिष्ट है. उपायुक्त ने कहा कि कुपोषण एवं एनीमिया से निपटने के अलावा रागी को बढ़ावा देने से किसानों को रागी की खेती करके सुखाड़ में भी मदद मिलेगी.
किसानों को दिया गया था मुफ्त में रागी का बीज
उपायुक्त ने बताया कि भारत में पहली बार इस प्रकार कुपोषण के खिलाफ हुई पहल को देखते हुए गुमला जिला पूरे भारत में इस योजना के लिए छाया हुआ है. केंद्र स्तर के पदाधिकारी भी इसकी सराहना कर चुके हैं. वर्ष 2022 तक 4500 किसानों को 20000 किग्रा रागी का बीज मुफ्त में दिया गया था. उनके द्वारा उत्पादित 65000 किलोग्राम उत्पादित रागी को उनसे खरीदा गया है.
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