गुमला : विद्यालय प्रबंधन समिति से नोक-झोंक के बाद बिना बैठक किये वापस लौटे विधायक चमरा लिंडा
लगभग तीन घंटे हंगामा होता रहा. विधायक लोगों को मनाने में लगे रहे, परंतु विधायक की एक न चली. ग्रामीणों का कहना था कि विद्यालय गांव की संपत्ति है. विधायक के इशारे पर नहीं चलेगा.
घाघरा(गुमला) : जय सरना लुरखुड़िया देवाकी बाबाधाम में विधायक चमरा लिंडा अपने समर्थकों के साथ बैठक करने पहुंचे. इसकी जानकारी मिलते विद्यालय प्रबंधन समिति बैठक स्थल पहुंच कर हंगामा किया. इसके बाद विधायक को बिना बैठक किये वापस लौटना पड़ा. प्रबंधन समिति ने कहा कि विद्यालय में विधायक को किसी भी तरह का व्यवसायीकरण करने नहीं दिया जायेगा. इस विद्यालय को बनाने में ग्रामीणों का सहयोग रहा है. चाहे वह जमीन देना हो या श्रमदान करना हो. अब विधायक चाहते हैं कि विद्यालय को निजी तरीके से व्यवसायीकरण कर चलायें, तो ऐसा हम नहीं होने देंगे.
लगभग तीन घंटे हंगामा होता रहा. विधायक लोगों को मनाने में लगे रहे, परंतु विधायक की एक न चली. ग्रामीणों का कहना था कि विद्यालय गांव की संपत्ति है. विधायक के इशारे पर नहीं चलेगा. ग्रामसभा के माध्यम से जो प्रबंधन समिति चुनी गयी है, उसकी देखरेख में ही विद्यालय चलेगा. इस दौरान विधायक के समर्थकों व प्रबंधन समिति में काफी नोक-झोंक हुई. मामला बढ़ता देख विधायक ने घाघरा थाना को इसकी सूचना दी. इसके बाद घाघरा पुलिस पहुंच लोगों को समझने का प्रयास किया, परंतु प्रबंधन समिति के लोग पुलिस की बात नहीं सुनी. मजबूरन विधायक को वापस रांची लौट गये. इस संबंध में विधायक चमरा लिंडा ने कहा कि विद्यालय बनाने का उद्देश्य बड़ा है.
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इसके लिए बैठक रखी गयी थी. पर किसी कारणवश बैठक सफल नहीं रही. 30 जनवरी को पुन: बैठक रखी गयी है. इधर, निगरानी समिति के सदस्य बुधमन उरांव ने कहा विधायक अपने राजनीतिक फायदे के लिए अपने ही फंड से सरकारी राशि का उपयोग कर भवन बना कर उसको निजी विद्यालय बना कर उससे आर्थिक दोहन करने की मानसिकता रखते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इधर, प्रबंधन समिति के सचिव सुनील भगत ने कहा कि आदिवासी विरोधी है विधायक चमरा लिंडा. जिस उद्देश्य से लुरखुड़िया की स्थापना की गयी है. उस उद्देश्य को विधायक खत्म करना चाहते हैं, जिसे हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.